चिकित्सा पुनर्वास में वरदान साबित हो रहा है फिजियोथेरेपी | फिजियोथेरेपी चिकित्सा को समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचना है लक्ष्य:डॉ मनोज सिंह

धनबाद: विश्व फिजियोथेरेपी दिवस के अवसर पर इंडियन एसोसिएशन ऑफ फिजियोथेरेपिस्ट के तत्वावधान में झरिया के बनियाहीर कुष्ठ कॉलोनी में निःशुल्क फिजियोथेरेपी चिकित्सा शिविर का आयोजन किया गया । कैंप में लेप्रोसी ठीक होने के बाद की दिव्यांगता,जोड़ों के दर्द, सेरेब्रल पाल्सी,कमर दर्द, घुटने का दर्द, फ्रोजन शोल्डर,एवम् लकवा से ग्रसित मरीजों की जांच कर फिजियोथेरेपी चिकित्सा प्रदान किया गया ।

लोगों को फिजियोथेरेपी के टिप्स बताए गए । कुष्ठ पीड़ितों को गौज, बैंडेज एवम् दवाईयां दी गई । आम लोगों को भी रक्तचाप की जांच कर उचित सलाह दिया गया । फिजियोथेरेपिस्ट डॉ मनोज सिंह ने कहा कि फिजियोथेरेपी एक चिकित्सीय पद्धति है, जिसमें भौतिक साधनों, विभिन्न व्यायाम व थेरेपी का उपयोग कर असाध्य बीमारियों का निदान किया जाता है । यह एक प्रमाणित विज्ञान है, जो लोगों की शारीरिक शक्ति, कार्य गति व समग्र स्वास्थ्य को बहाल करने में मदद करती है । आज चिकित्सा जगत में दवाईयों के साइड इफेक्ट से बचने के लिए फिजियोथेरेपी का सहारा ले रहे हैं। हड्डी एवं नस से संबंधित सभी तरह के सर्जरी के बाद फिजियोथेरेपी की महत्वपूर्ण भूमिका होती है । डॉ मनोज ने कहा कि दिव्यांगजनो के चिकित्सा पुनर्वास में फिजियोथेरेपी वरदान साबित हो रहा है । उन्होंने कहा की चिकित्सा सेवा को व्यापार बनाने से परहेज करना चाहिए । क्योंकि यह अमीर गरीब को एक समान जरूरत होती है । फिजियोथेरेपी की सुविधा को समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचना हमारा लक्ष्य है ।
मौके पर उपस्थित स्पेशल एजुकेटर अखलाक अहमद ने कहा कि फिजियोथेरेपी के महत्त्व को लोगों ने जाना है। झरिया रिसोर्स सेंटर के जो बच्चे खाट पर पड़े थे वो फिजियोथेरेपी से ठीक हो कर आज अपने पैरों पर चल कर विद्यालय जा रहे हैं । दिव्यांग बच्चे भी बोर्ड परीक्षा में प्रथम श्रेणी से उत्तीर्ण हो रहे हैं। फिजियोथेरेपी कैंप में फिजियोथेरेपिस्ट डॉ मनोज सिंह, स्पेशल एजुकेटर अखलाक अहमद, दिवेश कुमार सिंह, श्रावण तांती, महेंद्र कुमार, गणेश मोदक, संध्या देवी, छवि देवी, पतिया देवी, खांधी सिंह, गौरव मंडल सहित दर्जनों लोग उपस्थित थे ।