Diwali 2024 || दिवाली का महापर्व आज पूरे देश में हर्षोल्लास से मनाया जा रहा है। कार्तिक माह की अमावस्या को मनाया जाने वाला यह पर्व अंधकार पर प्रकाश की विजय का प्रतीक है। इस दिन मां लक्ष्मी, भगवान गणेश और कुबेर की पूजा का विशेष महत्व होता है। यहां हम आपके लिए दिवाली की सही तिथि, लक्ष्मी पूजा का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और मंत्र की पूरी जानकारी लेकर आए हैं।
दिवाली की सही तिथि और पूजा का शुभ मुहूर्त
- दिवाली तिथि: 12 नवंबर 2023
- लक्ष्मी पूजा का मुहूर्त: शाम 6:05 बजे से रात 8:00 बजे तक
- अवधि: 1 घंटा 55 मिनट
यह मुहूर्त विशेष रूप से शुभ माना जाता है और इसी दौरान मां लक्ष्मी, भगवान गणेश और कुबेर की पूजा करने से घर में सुख, समृद्धि और खुशहाली आती है।
लक्ष्मी पूजा की विधि
- स्नान और साफ-सफाई: सबसे पहले स्नान करके घर और पूजा स्थल की सफाई करें। घर के मुख्य द्वार पर रंगोली बनाएं और दीप जलाएं, ताकि देवी लक्ष्मी का स्वागत हो सके।
- मां लक्ष्मी और गणेश जी का पूजन: मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की मूर्ति या चित्र को पूजा स्थान पर रखें। उन्हें पुष्प, धूप, दीप और मिठाई अर्पित करें।
- कुबेर देव का पूजन: लक्ष्मी जी के साथ-साथ धन के देवता कुबेर की भी पूजा करें। कुबेर देव की कृपा से आर्थिक समृद्धि और धन लाभ का आशीर्वाद मिलता है।
- दिया जलाना: पूजा के बाद घर के प्रत्येक कोने में दीप जलाएं, विशेषकर मुख्य द्वार पर, ताकि नकारात्मक ऊर्जा दूर हो और घर में सकारात्मकता का प्रवाह बना रहे।
लक्ष्मी पूजा के मंत्र
- लक्ष्मी मंत्र: “ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्म्यै नमः।”
- गणेश मंत्र: “ॐ गं गणपतये नमः।”
- कुबेर मंत्र: “ॐ यक्षाय कुबेराय वैश्रवणाय धनधान्याधिपतये धनधान्य समृद्धिं मे देहि दापय स्वाहा।”
इन मंत्रों का जाप करते हुए मां लक्ष्मी, भगवान गणेश और कुबेर देवता की पूजा करें। इससे माता लक्ष्मी का आशीर्वाद प्राप्त होगा और परिवार में सुख-समृद्धि बनी रहेगी।
दिवाली का महत्व और आस्था
दिवाली केवल रोशनी और उत्सव का पर्व ही नहीं है, बल्कि यह पर्व हमारे जीवन में सकारात्मकता, उत्साह और खुशियों का संचार करता है। इसे मनाते समय हमें अपने अंदर की नकारात्मकता को दूर कर अच्छाई को अपनाने का संकल्प लेना चाहिए।
आप सभी को दिवाली की ढेरों शुभकामनाएं!