Sharda Sinha Health Update || एम्स में भर्ती बिहार की कोकिला शारदा सिन्हा
Sharda Sinha Health Update || लोक गायिका और पद्म भूषण से सम्मानित शारदा सिन्हा की हालत बेहद गंभीर बनी हुई है। दिल्ली के एम्स में उन्हें सोमवार रात प्राइवेट वार्ड से आईसीयू में शिफ्ट किया गया, जहां उन्हें वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया है। एम्स की चिकित्सा अधीक्षक डॉ. निरुपम मदान ने इस बात की पुष्टि की है कि शारदा सिन्हा को वेंटिलेटर सपोर्ट दिया जा रहा है।
छठ पूजा गीतों से मिली पहचान
शारदा सिन्हा ने कई हिंदी फिल्मों में गाने गाए हैं, लेकिन उनकी खास पहचान छठ पूजा के गीतों के लिए है। उन्हें “बिहार कोकिला” के नाम से भी जाना जाता है, और छठ महापर्व में उनके गीतों का विशेष महत्व है। उनकी आवाज़ छठ पर्व में आस्था रखने वाले हर व्यक्ति के दिल को छूती है।
छह वर्षों से ब्लड कैंसर से जूझ रही हैं
शारदा सिन्हा पिछले छह वर्षों से मल्टीपल मायलोमा (ब्लड कैंसर) से जूझ रही हैं। हाल के दिनों में उनकी हालत स्थिर बनी हुई थी, लेकिन कुछ दिनों पहले तबीयत बिगड़ने पर उन्हें 26 अक्टूबर को एम्स के कैंसर सेंटर के मेडिकल ऑन्कोलॉजी वार्ड में भर्ती किया गया था। तब उन्हें ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखा गया था, और स्थिति में सुधार होने के बाद उन्हें प्राइवेट वार्ड में स्थानांतरित कर दिया गया।
विशेषज्ञ डॉक्टरों की देखरेख में हैं
हालांकि सोमवार देर शाम को उनकी हालत फिर बिगड़ गई, जिसके बाद उन्हें दोबारा आईसीयू में शिफ्ट करना पड़ा। फिलहाल विशेषज्ञ डॉक्टरों की एक टीम उनकी हालत पर नजर रख रही है और उपचार कर रही है।
बिहार के लोक संगीत को अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाई
1 अक्टूबर 1952 को बिहार के हुलास जिले में जन्मी शारदा सिन्हा ने भोजपुरी, मैथिली और मगधी संगीत को लोकप्रिय बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। खासतौर पर छठ गीतों के माध्यम से उन्होंने हर आयु वर्ग को अपनी जड़ों और संस्कृति से जोड़ा है, जिससे उन्हें बिहार की लोक परंपरा का प्रतीक माना जाता है।
लोक संगीत में अविस्मरणीय योगदान
शारदा सिन्हा के छठ गीत न केवल भारत में बल्कि विदेशों में भी लोकप्रिय हैं। उनके गीतों ने उन्हें लोक संगीत का एक ऐसा चेहरा बना दिया है, जो न सिर्फ लोगों को मनोरंजन देता है, बल्कि उनकी संस्कृति के प्रति गर्व का भी एहसास कराता है।