जोगता में भू-धंसान: जोगता थाना क्षेत्र के 11 नंबर इलाके में अहले सुबह जोरदार आवाज के साथ भू-धंसान की घटना हुई। इस हादसे में किसी की जान तो नहीं गई, लेकिन ब्रह्मदेव सिंह चौधरी के घर का आधा हिस्सा जमीन में धंस गया। इस घटना ने इलाके में दहशत का माहौल पैदा कर दिया है।
गैस रिसाव ने बढ़ाई दिक्कतें
भू-धंसान के बाद इलाके में भारी मात्रा में गैस का रिसाव हो रहा है, जिससे आसपास के लोगों को सांस लेने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। भुक्तभोगी ब्रह्मदेव सिंह इस समय अपने घर बिहार गए हुए हैं, इसलिए घटना के समय घर में कोई मौजूद नहीं था।
आग प्रभावित क्षेत्र में लगातार भू-धंसान की घटनाएं
यह इलाका पहले से ही आग और गैस रिसाव से प्रभावित है, जिसके कारण यहां भू-धंसान की घटनाएं आम हो गई हैं। कुछ दिनों पहले भी इसी क्षेत्र में गोफ (जमीन धंसने की घटना) हुआ था। उस दौरान आग की लपटों के साथ भारी मात्रा में गैस रिसाव हो रहा था।
प्रशासन की लापरवाही पर उठे सवाल
स्थानीय लोगों का आरोप है कि बीसीसीएल प्रबंधन ने पिछली घटनाओं के बाद आग बुझाने के बजाय इसे डोजरिंग कर दिया। इस अस्थायी समाधान के चलते एक बार फिर भू-धंसान हुआ है, जिससे गैस रिसाव की समस्या गंभीर हो गई है।
स्थानीय निवासियों में डर और आक्रोश
लगातार हो रही भू-धंसान की घटनाओं और प्रशासनिक लापरवाही के कारण क्षेत्र के लोगों में डर और आक्रोश है। वे मांग कर रहे हैं कि इस समस्या का स्थायी समाधान निकाला जाए, ताकि उनकी जान-माल की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।
सरकार और प्रशासन को चाहिए तुरंत कदम उठाना
भू-धंसान और गैस रिसाव की घटनाओं को रोकने के लिए विशेषज्ञों की टीम को भेजा जाना चाहिए। साथ ही, बीसीसीएल और अन्य संबंधित प्रबंधन को जिम्मेदारी निभाते हुए यहां के हालात सुधारने के लिए कारगर कदम उठाने चाहिए।
जोगता की यह घटना इलाके की सुरक्षा और प्रशासन की कार्यप्रणाली पर बड़े सवाल खड़े करती है। समय रहते अगर ठोस कदम नहीं उठाए गए, तो ऐसी घटनाएं भविष्य में और बड़ी तबाही मचा सकती हैं।