बांग्लादेश में सनातनी हिंदुओं पर अत्याचार: भारत सरकार से ‘सनातिस्तान’ बनाने की मांग, श्रद्धांजलि और विरोध मार्च में बुलंद हुई आवाज़ें

बांग्लादेश में सनातनी हिंदुओं पर अत्याचार

बांग्लादेश में सनातनी हिंदुओं पर अत्याचार

बांग्लादेश में सनातनी हिंदुओं पर अत्याचार: सनातनी सभ्यता और संस्कृति उत्थान समिति के तत्वावधान में बांग्लादेश में मारे गए सनातनी हिंदुओं को श्रद्धांजलि अर्पित की गई और वहां हो रहे अत्याचारों के खिलाफ सख्त कदम उठाने की मांग की गई। श्रद्धांजलि सभा और प्रतिरोध मार्च शहरपुरा शिव मंदिर से शुरू होकर बाजार, भुंजा मोड़, और वीर कुंवर सिंह चौक पर नुक्कड़ सभा के रूप में संपन्न हुआ।

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सभा में एक सुर में आह्वान किया गया कि भारत सरकार 1971 की तरह बांग्लादेश में सैनिक कार्रवाई करे और देश को विभाजित कर हिंदुओं के लिए ‘सनातिस्तान’ का निर्माण करे।

सनातनी समाज की पीड़ा और सरकार से अपेक्षा

सभा में वक्ताओं ने कहा कि बांग्लादेश में सनातनी हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों से भारतीय सनातनी समाज आहत और मर्माहत है। उन्होंने मांग की कि भारत सरकार बांग्लादेश की सरकार पर दबाव बनाए और वहां मौजूद आतंक परस्त तत्वों पर कठोर कार्रवाई की जाए।

विरोध मार्च और वक्ताओं की बातें

श्रद्धांजलि सभा और प्रतिरोध मार्च में शामिल सनातनी सभ्यता संस्कृति उत्थान समिति के अध्यक्ष प्रशांत कुमार दुबे ने कहा कि भारत सरकार को तत्काल बांग्लादेश सरकार को कड़ा संदेश देना चाहिए। उन्होंने कहा कि सनातनी हिंदुओं के लिए ‘सनातिस्तान’ बनाना समय की मांग है।

मंदिर सचिव दिनेश सिंह ने कहा, “यह सिर्फ बांग्लादेश के हिंदुओं की समस्या नहीं है, बल्कि पूरे सनातनी समाज का मुद्दा है।”
नारी सेवा संघ की रंजना शर्मा ने कहा कि सनातनी महिलाओं पर हो रहे अत्याचार पूरी मानवता के लिए शर्म की बात है।
अन्य वक्ताओं ने बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हो रहे नरसंहार को रोकने के लिए भारत सरकार से ठोस कदम उठाने का आग्रह किया।

आंदोलन में शामिल प्रमुख हस्तियां

विरोध मार्च और सभा में प्रशांत कुमार दुबे, मंदिर सचिव दिनेश सिंह, नारी सेवा संघ की रंजना शर्मा, वरिष्ठ कांग्रेसी विदेशी सिंह, उमा शर्मा, बद्री सिंह, अरविंद खत्री, सुरेंद्र नाथ सिंह, भाजपा कोषाध्यक्ष रामजी सिंह, और अन्य सैकड़ों नागरिक शामिल हुए। सभी ने एक स्वर में मांग की कि बांग्लादेश के हिंदुओं को न्याय दिलाने के लिए भारत सरकार को निर्णायक कार्रवाई करनी चाहिए।

आगे की राह: सनातनी समाज की एकजुटता का आह्वान

वक्ताओं ने सभी भारतीय सनातनी धर्मावलंबियों से एकजुट होने और बांग्लादेश में हो रहे अत्याचारों के खिलाफ आवाज उठाने की अपील की। सभा ने यह भी संदेश दिया कि अब समय आ गया है जब भारत सरकार को बांग्लादेश के हिंदुओं की सुरक्षा और अधिकार सुनिश्चित करने के लिए कड़े कदम उठाने चाहिए।

“सनातनी हिंदुओं की पीड़ा का समाधान, निर्णायक कार्रवाई से ही संभव है।”