DHANBAD | शनिवार को जोड़ाफटक रोड शक्ति मंदिर के समीप आपने कार्यालय में इंडस्ट्रीज एंड कॉमर्स एसोसिएशन धनबाद का 90वां वार्षिक अधिवेशन का आयोजन किया गया। जिसकी अध्यक्षता एसोसिएशन के अध्यक्ष बीएन सिंह ने की।उन्होंने संबोधन में कहा कि धनबाद सहित पूरे झारखंड में इंडस्ट्रीज बंद होने के कगार पर है। जिसका मुख्य कारण सरकार की उदासीनता है। पहले यूपी, गुजरात से लोग धनबाद में आकर काम करते थे। लेकिन अब स्थिति ऐसी हो गई है कि यहां के लोग गुजरात और यूपी में काम करने के लिए जा रहे हैं। जब तक सरकार इंडस्ट्रीज उद्योग को प्रोत्साहित नहीं करेगी। तब तक इंडस्ट्रीज बंद होती रहेगी। फिलहाल धनबाद में लगभग 140 कोक भट्ठे चल रहे हैं। जिसमें लगभग 40 बंद हो चुके हैं और जो बचे हुए हैं। उनमें भी मात्र 75 प्रतिशत ही उत्पादन हो पा रहा है। ऐसे में सरकार जब तक मदद नहीं करी तब तक इंडस्ट्रीज आगे नहीं बढ़ेगी। साथ ही उन्होंने कहा कि हेमंत सरकार सिर्फ 1932 का खतियान लेकर घूम रहे हैं।इससे कुछ वोट तो जरूर मिल जाएगा।लेकिन इंडस्ट्रीज आगे नहीं बढ़ेगा।
औद्योगिक प्रगति शांतिपूर्ण एवं भय मुक्त वातावरण में ही संभव
कानूनी व्यवस्था धनबाद में हमेशा के लिए एक चुनौती बनी रही है। इसलिए पिछले एक वर्ष में समस्याओं और भी गंभीर हो गई है। रंगदारी की मांग से सारे व्यवसाय त्रस्त है अपराधी तत्वों का मन इतना बड़ा हुआ है कि दिन दहाड़े भी भरे बाजार में दशहशत फैलाने के लिए गोलियां चला देते हैं। इसके बाद खुलेआम रंगदारी की मांग की जाती है। आर्थिक विकास एवं औद्योगिक प्रगति शांतिपूर्ण एवं भय मुक्त वातावरण में ही संभव है। फिलहाल धनबाद में कानूनी मशीनरी असहाय प्रतीत होती है। इसके अलावा कोयला चोरी भी व्यवस्थित अपराध का हिस्सा बन गया है। इन अपराधियों को शक्ति से निपटना चाहिए। कोयला चोरी न केवल कोयला कंपनी का नुकसान करती है।बल्कि हमारे उद्योग को भी प्रभावित करती है। यदि सरकार हार्डकोक को कोयला आपूर्ति सुचारू रूप से दे तो कोयला चोरी भी काम हो सकती है।
औद्योगिक विकास के लिए हवाई अड्डा बेहद महत्वपूर्ण
श्री सिंह ने कहा कि धनबाद में यातायात, विद्युत आपूर्ति, जल आपूर्ति एवं अन्य नागरिक सुविधा विकसित तेजी से होनी चाहिए थी। लेकिन अफसोस है कि यहां सुविधा धनबाद में आज भी औसत दर्जे से भी काम है। विद्युत आपूर्ति में अत्यधिक व्यवधान के चलते धनबाद के उद्योग ढंग से नहीं चल पाते हैं. सड़कों की स्थिति भी दयनीय है। ट्रैफिक जाम और अतिक्रमण के चलते सड़क पर वाहनों का चलना मुश्किल हो जाता है। नगर निगम की व्यवस्था भी कमजोर दिख रही है। उद्योग और व्यवसाय का मजबूत केंद्र होने के बावजूद धनबाद में हवाई सेवा का अभाव है और एक भी छोटा हवाई अड्डा भी यहां नहीं है. आज के इस दौर में हवाई सेवाएं औद्योगिक विकास के लिए काफी आवश्यक है। धनबाद के लिए हवाई अड्डा होना तो बहुत ही जरूरी है। अजीब बात है, कि दुर्गापुर हवाई अड्डे से यात्रा करने वाले लगभग 60 फ़ीसदी यात्री धनबाद के होते हैं। इस कार्यक्रम में मुख्य रूप से आईआईटी आईएसएम धनबाद के पूर्व प्राध्यापक डॉक्टर प्रमोद पाठक, एसके सिन्हा, रतनलाल अग्रवाल आदि मौजूद थे।