America News || अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपनी टीम में एक और भारतवंशी को शामिल किया है। उन्होंने भारतीय अमेरिकी उद्यमी, पूंजीपति और लेखक श्रीराम कृष्णन को व्हाइट हाउस में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) के वरिष्ठ नीति सलाहकार के रूप में नियुक्त किया। यह निर्णय न केवल भारतीय-अमेरिकी समुदाय के लिए गर्व का क्षण है, बल्कि एआई में अमेरिका की बढ़ती भूमिका को भी मजबूत करेगा।
श्रीराम कृष्णन की नियुक्ति
व्हाइट हाउस में भूमिका
राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा कि श्रीराम कृष्णन व्हाइट हाउस ऑफिस ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी पॉलिसी में एआई के वरिष्ठ नीति सलाहकार के रूप में काम करेंगे। वे सरकार में एआई नीति को आकार देने और समन्वय करने में मदद करेंगे।
- श्रीराम का मुख्य कार्य होगा एआई क्षेत्र में अमेरिका के नेतृत्व को मजबूत करना।
- वे राष्ट्रपति की विज्ञान और प्रौद्योगिकी सलाहकार परिषद के साथ काम करेंगे।
डेविड सैक्स के साथ सहयोग
श्रीराम कृष्णन, डेविड ओ. सैक्स के साथ मिलकर काम करेंगे, जो व्हाइट हाउस में एआई और क्रिप्टो के प्रभारी हैं।
श्रीराम का करियर और अनुभव
श्रीराम कृष्णन ने माइक्रोसॉफ्ट में विंडोज एज्योर के संस्थापक सदस्य के रूप में अपना करियर शुरू किया। इसके बाद उन्होंने दुनिया की बड़ी टेक कंपनियों जैसे:
- ट्विटर
- याहू!
- फेसबुक
- स्नैप
की प्रोडक्ट टीम का नेतृत्व किया। उनके व्यापक अनुभव और तकनीकी विशेषज्ञता ने उन्हें इस महत्वपूर्ण भूमिका के लिए उपयुक्त बनाया है।
भारतीय अमेरिकी समुदाय का स्वागत
इंडियास्पोरा की प्रतिक्रिया
भारतीय अमेरिकी समुदाय ने श्रीराम की नियुक्ति का गर्मजोशी से स्वागत किया।
इंडियास्पोरा के कार्यकारी निदेशक संजीव जोशीपुरा ने कहा:
“श्रीराम कृष्णन को इस महत्वपूर्ण भूमिका में देखना गर्व की बात है। उन्होंने एआई में एक व्यावहारिक विचारक और प्रभावशाली टिप्पणीकार के रूप में काम किया है। उनका अनुभव और ज्ञान इस भूमिका में देश की सेवा में सहायक होगा।”
श्रीराम कृष्णन का बयान
नियुक्ति के बाद श्रीराम ने कहा:
“मैं सम्मानित महसूस कर रहा हूं। अपने देश की सेवा करने के लिए मैं कोई कसर नहीं छोड़ूंगा। डेविड सैक्स के साथ मिलकर काम करते हुए मैं एआई में अमेरिकी नेतृत्व को मजबूत बनाने के लिए प्रतिबद्ध हूं।”
श्रीराम कृष्णन की यह नियुक्ति तकनीकी क्षेत्र में भारतवंशियों की उपलब्धियों को और मजबूत करती है। यह कदम न केवल अमेरिका की एआई नीति को नई दिशा देगा, बल्कि भारत-अमेरिका संबंधों को भी और गहरा करेगा। श्रीराम की नियुक्ति से भारतीय समुदाय में गर्व की भावना और मजबूत हुई है।