Bihar News: बिहार की राजनीति में एक बार फिर जुबानी जंग शुरू हो गई है। पूर्व बाहुबली सांसद आनंद मोहन के बेटे और शिवहर से विधायक चेतन आनंद और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है। दोनों नेता अपनी-अपनी बातों को लेकर आमने-सामने हैं।
चेतन आनंद ने उठाए सवाल
चेतन आनंद ने बुधवार को चिराग पासवान से सीधे सवाल पूछा कि वह एनडीए (NDA) में हैं या नहीं, यह साफ करें। इसके साथ ही चेतन ने यह भी सवाल उठाया कि उपचुनाव में चिराग पासवान जीतन राम मांझी की बहू दीपा मांझी के लिए प्रचार करने क्यों नहीं गए। उन्होंने पूछा, “क्या दीपा मांझी दलित नहीं हैं?”
‘मैं सड़क छाप नहीं हूं’ – चेतन आनंद का पलटवार
चिराग पासवान के एक बयान पर चेतन आनंद ने तीखा पलटवार करते हुए कहा, “मैं सड़क छाप नहीं हूं। आनंद मोहन जिंदा कौम के नेता हैं। अमर्यादित भाषा और टिप्पणी कहीं महंगा सौदा साबित ना हो।”
चेतन ने यह भी कहा कि चिराग को अपने व्यवहार और बयानबाजी पर ध्यान देना चाहिए, क्योंकि उनकी यह शैली राजनीति में उनके लिए घातक हो सकती है।
चिराग पासवान का जवाब
दरअसल, मामला तब गरमाया जब आनंद मोहन ने यह सवाल उठाया कि चिराग पासवान इमामगंज में उपचुनाव प्रचार करने क्यों नहीं गए। इस पर चिराग ने कहा था, “सीएम नीतीश कुमार की कृपा से आनंद मोहन जेल से बाहर आए हैं।”
आनंद मोहन ने भी चिराग से किया सवाल
26 नवंबर को समस्तीपुर में आनंद मोहन ने भी चिराग पर निशाना साधते हुए कहा, “चिराग खुद को पासवान समाज का नेता बताते हैं। लेकिन इमामगंज सीट पर जनसुराज पार्टी के पासवान उम्मीदवार को 37 हजार वोट कैसे मिले?” आनंद ने आरोप लगाया कि एनडीए की तरफ से चिराग ने इस सीट पर प्रचार करने से दूरी बनाई, जबकि यह सीट महत्वपूर्ण थी।
इमामगंज सीट पर उपचुनाव का मुद्दा
बिहार में हुए चार सीटों के उपचुनाव में इमामगंज सीट से जीतन राम मांझी की बहू दीपा मांझी ने जीत दर्ज की। यह सीट एनडीए के लिए अहम थी। चिराग पासवान के प्रचार से दूर रहने को लेकर यह मुद्दा तूल पकड़ रहा है।
राजनीतिक मतभेद या व्यक्तिगत खींचतान?
चेतन आनंद और चिराग पासवान के बीच की यह जुबानी जंग क्या राजनीतिक विचारधाराओं का टकराव है या व्यक्तिगत खींचतान, यह स्पष्ट नहीं है। हालांकि, बिहार की राजनीति में ऐसे बयानबाजी से माहौल गरमाया हुआ है।