Birth Anniversary of Great Revolutionary of Freedom Struggle Celebrated || स्वतंत्रता संग्राम के महान क्रांतिकारी और कांकोरी कांड के नायक, शहीद शिरोमणि अशफाक उल्ला खां की जयंती का आयोजन कतरास में हर्षोल्लास के साथ किया गया। इस जयंती कार्यक्रम की अध्यक्षता शहीद भगत सिंह स्मारक समिति के अध्यक्ष राजेंद्र प्रसाद राजा ने की। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि, जनवादी लेखक संघ के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ. मृणाल, ने सर्वप्रथम सिनेमा रोड स्थित अशफाक उल्ला खां की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया और उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए स्वतंत्रता संग्राम की गौरवमयी गाथा का स्मरण किया।
डॉ. मृणाल ने अपने संबोधन में कहा कि जब भारत स्वतंत्रता की लड़ाई लड़ रहा था, तब अंग्रेज देश की संपत्तियों को लूटने में लगे थे। इसी दौरान कांकोरी स्टेशन पर क्रांतिकारियों ने ट्रेन रोककर ब्रिटिश सरकार के खजाने को लूटकर उन्हें सीधी चुनौती दी थी। इस क्रांतिकारी कदम से स्वतंत्रता आंदोलन को नई गति मिली। इस महत्वपूर्ण घटना में अशफाक उल्ला खां के साथ रामप्रसाद बिस्मिल, रोशन सिंह, राजेंद्र लाहिड़ी, चंद्रशेखर आजाद और अन्य क्रांतिकारी शामिल थे। ब्रिटिश शासन ने इस घटना के बाद चार साथियों को फांसी और अन्य को काला पानी की सजा दी। सिर्फ चंद्रशेखर आजाद ही इस दमन से बच पाए, जिन्होंने बाद में क्रांतिकारी आंदोलन को और आगे बढ़ाया।
जयंती के इस विशेष अवसर पर, सभी ने अशफाक उल्ला खां को भावभीनी श्रद्धांजलि दी। इस कार्यक्रम में मुन्ना सिद्दीकी, प्रभात मिश्रा, बिष्णु कुमार, नारायण प्रजापति, संजय महतो सहित कई अन्य साथियों ने भी श्रद्धांजलि अर्पित की।