रहस्य की दुनिया | मौत की दुनियां का रहस्य और फिर जिंदगी
रहस्य की दुनिया | किस धुंधली दुनियां की बात कर रही है नैन्सी शिकागो । क्या मौत के बाद भी…
Varta Sambhav E-Paper | वार्ता संभव – डिजिटल अखबार
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SUNDAY SPECIAL | रामायण के भारत में बैन होने की कई वजह थी। पहली दिक्कत फिल्म का निर्माण जापान द्वारा…
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शुद्ध हवाओं के लिए अपनी आवाज को बुलंद करें जब भारत गुलाम था अंग्रेजों का तब भी हवाओं के लिए…
शिक्षक दिवस, भारत में हर वर्ष 5 सितंबर को मनाया जाता है, जो हमारे देश के महान शिक्षाविद् और दूसरे…
फोटोग्राफी का इतिहास बहुत पुराना है और इसकी शुरुआत 19वीं शताब्दी में हुई थी। पहली तस्वीर खींचने का श्रेय जोसेफ नाइसफोर नीप्स को जाता है, जिन्होंने 1826 में दुनिया की सबसे पुरानी स्थायी फोटोग्राफ बनाई थी। इस तस्वीर को “व्यू फ्रॉम द विंडो एट ले ग्रास” कहा जाता है। इसके बाद, फोटोग्राफी के क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण खोजें और आविष्कार हुए, जिन्होंने इस कला को और भी विकसित किया।
सुरक्षा पर्व का महत्व उस समय के समाज में अत्यंत बड़ा था। इस पर्व के माध्यम से लोग एक दूसरे के साथ जुड़ते थे और एक दूसरे की सुरक्षा का जिम्मा उठाते थे। इस पर्व का मुख्य उद्देश्य समाज में एकता और भाईचारे को बढ़ावा देना था।
इतिहास के पन्नों में रक्षाबंधन का एक और त्योहार था, जो आज के समय में पूरी तरह से गुम हो गया है। इस त्योहार को “सुरक्षा पर्व” कहा जाता था, जिसमें एक समुदाय के लोग एक दूसरे की रक्षा का वचन देते थे। यह त्योहार उस समय मनाया जाता था, जब समाज में बाहरी खतरों का सामना करना पड़ता था। हालांकि, समय के साथ इस त्योहार का महत्व घटता गया और आज इसे बहुत ही कम लोग जानते हैं।
नयी दिल्ली : भारत में कुल आबादी की करीब 8 फीसदी आबादी आदिवासी लोगों की है।साल 2011 की जनगणना के…