
DHANBAD | बिहार कोलियरी कामगार यूनियन की ओर से चापापुर कार्यालय के समक्ष 19 जुलाई बुधवार को विशाल जनसभा में भूमिगत खदानों को बंद करने का विरोध किया गया. सभा में मुख्य वक्ता के रूप में यूनियन के महामंत्री पूर्व विधायक अरूप चटर्जी ने कहा कि ओसीपी खोलने का विरोध नहीं है. परंतु भूमिगत खदान को चालू रखना होगा. धौड़ा और कांटाबनी क्वार्टर में रहने वाले लोगों के पुनर्वास की व्यवस्था करनी होगी. उन्होंने कहा कि कोयला मजदूरों की ताकत से ही जेबीसीसीआई की बैठक में 11 वां वेतन समझौता संपन्न हो सका. हमारी यूनियन शोषण, जुल्म, अत्याचार और अन्याय के खिलाफ लड़ती रही है. आगे भी यह लड़ाई जारी रहेगी. श्री चटर्जी ने कहा कि किसी को भी हटाया नहीं जाएगा. मजदूरों की चट्टानी एकता के कारण ही 19% वेतन वृद्धि हुई है यूनियन के केंद्रीय सचिव सह मुगमा क्षेत्रीय अध्यक्ष आगम राम ने कहा कि भूमिगत खदान ही कोयला उद्योग का भविष्य है. यह बात राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय सेमिनार में वैज्ञानिकों ने भी कही है. पड़ोसी देश चीन में 90% कोयला भूमिगत खदानों से निकाला जा रहा है, जबकि देश में मात्र 10% कोयला ही भूमिगत खदानों से निकाला जाता है. उन्होंने कहा कि कोयला उद्योग के निजीकरण और श्रम कानूनों को समाप्त करने के खिलाफ लंबी लड़ाई लड़नी होगी. सभा की अध्यक्षता अमित मुखर्जी ने की. सभा को डीबी मानिकपुरी, परेश सोरेन, मगन बाउरी, तापस चटर्जी, बोदीलात सोरेन ,मिट्टी लाल सोरेन, तारकनाथ रविदास, बंसी सिंह, सुखलाल मरांडी, रविलाल मरांडी आदि ने संबोधित किया. मौके पर रवि लाल मरांडी, काजल गोराई, उपेंद्र महतो, वकील मियां, शिबू महतो, कासिम अंसारी, नीलू मुखर्जी, सीताराम मरांडी, कृष्णा मंडल आदि मौजूद थे. माइनिंग स्टाफ शशीकांत सिंह, रवि सिंह, धनंजय राय, दीपक पंडित, पार्थ शेखर चट्टोपाध्याय आदि बीसीकेयू में शामिल हुए. श्री चटर्जी ने सभी का स्वागत माला पहनाकर किया.