इंटक नेता राणा संग्राम सिंह के निधन पर कांग्रेसियों में शोक की लहर, इंटक के मजबूत स्तंभों में से एक थे राणा संग्राम सिंह । उनका जाना कांग्रेस के लिए अपूर्णीय क्षति-नवनीत नीरज

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धनबाद। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और इंटक के राष्ट्रीय सचिव राणा संग्राम सिंह के निधन पर कोयलांचल में कांग्रेस संगठन और इससे जुड़े श्रमिक संगठनों में शोक की लहर फाइल फैल गई है। धनबाद जिला कांग्रेस कमिटी के उपाध्यक्ष नवनीत नीरज सहित बड़ी संख्या में नेताओं ने राणा के निधन पर दुःख व्यक्त करते हुए नवनीत नीरज ने कहा कि वे इंटक के मजबूत स्तंभों में एक थे। उनका जाना कांग्रेस के लिए भी अपूर्णीय क्षति है। यू तो राणा संग्राम सिंह रोहतास जिले के मोहनिया के निवासी थे लेकिन वे रच-बस गए थे झारखंड में। श्री सिंह ने 1956 में रांची के ठाकुर गांव से ग्रामीण विकास पदाधिकारी के रूप में अपने करियर की शुरुआत की थी. 1960 में एचईसी जॉइन किया और इसके बाद 1962 में हटिया प्रोजेक्ट वर्कर्स यूनियन (एचईसी द्वारा मान्यता प्राप्त यूनियन) के उपाध्यक्ष चुने गये थे. 1969 में राणा संग्राम सिंह हटिया प्रोजेक्ट वर्कर्स यूनियन के महामंत्री निर्वाचित हुए. उन्होंने एचईसी कर्मी के लिए छोटे-बड़े कुल 80 समझौते किये, इनमें से एक 1971 का प्रसिद्ध त्रिपक्षीय समझौता भी शामिल है. इस समझौते से सभी वर्ग के कर्मचारी लाभान्वित हुए थे. राणा संग्राम सिंह ने दो बार एचईसी का पुनरुद्धार भी कराया. एक बार बीआईएफआर से और दूसरी बार झारखंड हाईकोर्ट से. राणा संग्राम सिंह की राजनीति में भी थी अच्छी पकड़ थी. श्री नीरज ने कहा कि राणा साहब एचईसी के अलावा बासल पतरातू, एसबीएल रांची, एसएनएल रांची, मेरिन डीजल इंजन प्लांट रांची और इंडियन एक्सप्लोसिभ कर्मचारी यूनियन गोमिया के अध्यक्ष रहे. इसके अलावा वो बिहार प्रदेश कांग्रेस लेबर सेल और झारखंड प्रदेश कांग्रेस लेबर सेल के अध्यक्ष के साथ-साथ झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरीय उपाध्यक्ष भी रहे. उन्होंने इंटेक के राष्ट्रीय वरीय सचिव, झारखंड प्रदेश इंटक के कार्यकारी अध्यक्ष और इंडियन नेशनल मेटल वर्कर्स फेडरेशन के कार्यकारी अध्यक्ष के रूप में भी काम किया है. 1967 के दंगे से पीड़ित विस्थापित मुसलमानों को बसाया था. उनके इस नेक काम के लिए इंदिरा गांधी ने व्यक्तिगत रूप से बधाई संदेश भेजकर बधाई दी थी. राणा संग्राम सिंह की राजनीति में अच्छी पकड़ थी. शोक व्यक्त करने वालों में मुख्य रूप से धनबाद जिला कांग्रेस के महासचिव दिनेश सिंह, पप्पू पांडे, सत्यानंद पांडे, वीरेंद्र यादव, नंदकिशोर चौधरी, दीपक कुमार, विशाल कुमार, सूनू सिंह, आकाश सिंह आदि ने कहा की हमलोग ने अभिभावक खो दिया है।