Jharkhand Assembly Election || सोमवार की शाम पांच बजे के बाद धनबाद जिले के छह विधानसभा क्षेत्रों में चुनाव प्रचार का कोलाहल थम गया। इसके साथ ही प्रत्याशियों और उनके समर्थकों ने घर-घर दस्तक देकर मतदाताओं को साधने की रणनीति अपनाई। 20 नवंबर को धनबाद, झरिया, सिंदरी, निरसा, टुंडी और बाघमारा क्षेत्रों में मतदान होना है, जिसके मद्देनजर अब सारा ध्यान व्यक्तिगत संपर्क और बूथ प्रबंधन पर केंद्रित हो गया है।
अंतिम दिन में प्रचार ने पकड़ी तीव्रता
चुनावी अभियान के आखिरी दिन तक सड़कों पर आम सभाओं, रोड शो और बाइक जुलूसों की गूंज सुनाई दी। प्रचार वाहनों पर लगे लाउडस्पीकरों से माहौल और भी जीवंत हो उठा। प्रत्याशी और उनके दलों ने प्रचार के अंतिम क्षणों में अपनी पूरी ऊर्जा झोंक दी। टुंडी विधानसभा क्षेत्र में सबसे अधिक प्रत्याशी मैदान में हैं, जो अब बूथ प्रबंधन और मतदान सुनिश्चित करने की रणनीति पर काम कर रहे हैं। बूथ कमेटियों के माध्यम से मतदाताओं तक प्रभावी पहुंच बनाने के लिए गहन योजनाएं बनाई जा रही हैं।
डिजिटल माध्यमों ने संभाली कमान
इस बार के चुनाव प्रचार में डिजिटल साधनों ने विशेष भूमिका निभाई। प्रत्याशियों ने सोशल मीडिया के कुशल संचालन के लिए विशेष टीमें नियुक्त की थीं। छोटे चार पहिया वाहनों पर एलईडी स्क्रीन लगाकर प्रचार किया गया, जिनमें प्रत्याशियों के कार्यों, वादों और पार्टी के एजेंडे को प्रभावी ढंग से प्रस्तुत किया गया। पिछले कुछ दिनों में बड़े दलों के साथ-साथ निर्दलीय और छोटे दलों के प्रचार वाहन भी सक्रिय रूप से घूमते देखे गए। हर मोहल्ले में किसी न किसी प्रत्याशी का वाहन अपनी उपस्थिति दर्ज करवा रहा था।
धनबाद में सबसे अधिक, झरिया में सबसे कम बूथ
धनबाद विधानसभा क्षेत्र में 458 मतदान केंद्र हैं, जो जिले में सबसे अधिक हैं। इसके बाद सिंदरी में 426, निरसा में 424, टुंडी में 369, बाघमारा में 355 और झरिया में 340 मतदान केंद्र स्थापित किए गए हैं। मतदाता संख्या के मामले में भी धनबाद क्षेत्र अग्रणी है, जहां कुल 4,60,342 मतदाता हैं। इसके विपरीत बाघमारा में केवल 2,91,679 मतदाता हैं।
चुनावी सरगर्मियों ने अब प्रचार की भीड़ से हटकर मतदाता जुड़ाव और बूथ स्तर की गतिविधियों पर अपना केंद्र बिंदु बना लिया है।