Moharram 2024:शहादत और शोक का महीना है मुहर्रम, इमाम हुसैन के बलिदान से दुनिया में जिंदा हो उठा इंसानियत

मुहर्रम का महीना हमें यह भी सिखाता है कि दुख और पीड़ा का सामना कैसे किया जाए। इमाम हुसैन और उनके साथियों ने अत्यंत कष्ट और भूख-प्यास की स्थिति में भी अपना धैर्य नहीं खोया। उन्होंने हमें यह सिखाया कि जब जीवन में कठिनाइयाँ आती हैं, तब हमें अपनी आस्था और विश्वास को नहीं खोना चाहिए।