Notice: Function _load_textdomain_just_in_time was called incorrectly. Translation loading for the rank-math domain was triggered too early. This is usually an indicator for some code in the plugin or theme running too early. Translations should be loaded at the init action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in /home/u290043134/domains/vartasambhav.com/public_html/wp-includes/functions.php on line 6114
National Unity Day || राष्ट्रीय एकता दिवस: एक परिचय

National Unity Day || राष्ट्रीय एकता दिवस: एक परिचय

National Unity Day
Telegram Group Join Now
Instagram Group Join Now
WhatsApp Channel Join WhatsApp

National Unity Day || राष्ट्रीय एकता दिवस (National Unity Day) हर वर्ष 31 अक्टूबर को मनाया जाता है, जो भारत के पहले उप प्रधानमंत्री और गृह मंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। सरदार पटेल को भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के महान नेता और देश को एकजुट करने वाले लौह पुरुष के रूप में जाना जाता है। उन्होंने स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद 562 रियासतों का भारत में विलय कर अखंड भारत का निर्माण किया।

इस दिन का मुख्य उद्देश्य देश के लोगों में एकता, अखंडता और भाईचारे का संदेश देना है। यह दिवस हमें यह स्मरण कराता है कि किस प्रकार हम सब भारत के लोग एकता की भावना के साथ एकजुट रह सकते हैं और हमारी विविधता के बावजूद, एकता को सर्वोपरि रखते हुए देश को प्रगति की दिशा में अग्रसर कर सकते हैं।

सरदार वल्लभभाई पटेल: एक लौह पुरुष का परिचय

सरदार वल्लभभाई पटेल का जन्म 31 अक्टूबर 1875 को गुजरात के नाडियाड में हुआ था। स्वतंत्रता संग्राम के दौरान, महात्मा गांधी के साथ उन्होंने भारतीयों को ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ खड़ा किया। वे महात्मा गांधी के निकट सहयोगी रहे और कांग्रेस पार्टी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

भारत की आजादी के बाद, सरदार पटेल ने रियासतों के एकीकरण के लिए अपने दृढ़ निश्चय और कुशलता से कार्य किया। वे जानते थे कि अगर ये रियासतें एकीकृत नहीं हुईं तो भारत एक सशक्त राष्ट्र नहीं बन पाएगा। उनके इस साहसिक कदम के कारण उन्हें ‘लौह पुरुष’ का खिताब मिला और उनकी भूमिका आज भी भारतीय इतिहास में अमर है।

राष्ट्रीय एकता दिवस की शुरुआत और उद्देश्य

सरदार पटेल के योगदान को स्मरण करते हुए 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनकी जयंती पर ‘राष्ट्रीय एकता दिवस’ की शुरुआत की। इसका उद्देश्य यह है कि देशवासियों को एकता, अखंडता और राष्ट्र की सेवा के प्रति जागरूक बनाया जाए।

इस दिन विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है जिनमें मैराथन दौड़, एकता दौड़, सांस्कृतिक कार्यक्रम, भाषण और प्रतियोगिताएं शामिल होती हैं। इसका मकसद यही होता है कि नागरिक, विशेषकर युवा पीढ़ी, सरदार पटेल के विचारों और उनके द्वारा किए गए कार्यों से प्रेरणा लें।

राष्ट्रीय एकता की आवश्यकता

भारत विभिन्न भाषाओं, संस्कृतियों, धर्मों और परंपराओं का संगम है। यहां उत्तर से लेकर दक्षिण तक और पूर्व से लेकर पश्चिम तक विविधता का भंडार है। इन विविधताओं के बावजूद, एकता के सूत्र में बंधे रहना ही भारत की विशेषता है।

हालांकि, समय-समय पर ऐसी घटनाएं भी होती हैं जो देश की एकता और अखंडता को प्रभावित करने का प्रयास करती हैं। आतंकवाद, क्षेत्रीयता, भाषाई और सांप्रदायिक विवाद जैसे मुद्दे देश की एकता को कमजोर करने का प्रयास करते हैं। ऐसे में राष्ट्रीय एकता दिवस हमें यह स्मरण कराता है कि इन सभी चुनौतियों का सामना करते हुए हम अपने देश की अखंडता को बरकरार रखें।

राष्ट्रीय एकता दिवस के अवसर पर आयोजित गतिविधियां

1. एकता दौड़:

राष्ट्रीय एकता दिवस पर भारत के विभिन्न हिस्सों में ‘रन फॉर यूनिटी’ यानी एकता दौड़ का आयोजन किया जाता है। इसमें युवा, विद्यार्थी, पुलिसकर्मी और अन्य सरकारी कर्मी बड़ी संख्या में हिस्सा लेते हैं। यह दौड़ सिर्फ एक दौड़ नहीं बल्कि राष्ट्रीय एकता और अखंडता के प्रतीक के रूप में होती है।

2. सरदार पटेल की प्रतिमा का स्मरण:

सरदार पटेल की अद्वितीय प्रतिमा स्टैच्यू ऑफ यूनिटी को राष्ट्रीय एकता का प्रतीक माना जाता है। यह प्रतिमा विश्व की सबसे ऊंची प्रतिमा है और इसे गुजरात के नर्मदा जिले में स्थापित किया गया है। हर वर्ष राष्ट्रीय एकता दिवस पर इस प्रतिमा पर विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।

3. शपथ ग्रहण समारोह: 

राष्ट्रीय एकता दिवस पर विभिन्न संस्थानों, सरकारी कार्यालयों और स्कूलों में शपथ ग्रहण समारोह का आयोजन किया जाता है। इस शपथ में लोग देश की एकता, अखंडता और सुरक्षा की रक्षा करने का संकल्प लेते हैं।

4. सांस्कृतिक कार्यक्रम और भाषण:

स्कूलों, कॉलेजों और सरकारी संस्थानों में भाषण और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है, जिसमें सरदार पटेल के योगदान और राष्ट्रीय एकता का महत्व समझाया जाता है।

भारत की एकता में सरदार पटेल का योगदान

सरदार पटेल का मुख्य उद्देश्य भारत को एक मजबूत और अखंड राष्ट्र बनाना था। जब देश स्वतंत्र हुआ तो 562 रियासतें थीं, जो स्वतंत्र रहने की इच्छा रखती थीं। सरदार पटेल ने अपने कूटनीतिक और रणनीतिक प्रयासों से इन रियासतों का भारत में विलय कराया। यह एक अत्यंत कठिन कार्य था लेकिन उन्होंने इसे सफलतापूर्वक संपन्न किया। उनके इस योगदान के कारण ही आज भारत एक सशक्त और अखंड राष्ट्र के रूप में खड़ा है।

सरदार पटेल के विचार और उनका संदेश

सरदार पटेल मानते थे कि राष्ट्र की शक्ति उसकी एकता में होती है। उन्होंने कहा था, *”अगर हमें इस देश को सशक्त बनाना है तो इसके नागरिकों के बीच एकता लानी होगी।”* उनके ये विचार आज भी प्रासंगिक हैं और हमें यह सिखाते हैं कि कैसे हम एकजुट होकर देश की सेवा कर सकते हैं।

उनके अनुसार, किसी भी राष्ट्र की प्रगति उसकी एकता पर निर्भर करती है। उन्होंने कहा कि यदि हम एकजुट नहीं होंगे तो हमारी स्वतंत्रता भी खतरे में पड़ सकती है। इसीलिए उन्होंने जीवनभर भारतीय एकता के लिए कार्य किया और अपने इस संदेश को देशवासियों तक पहुँचाया।

एकता के प्रतीक: स्टैच्यू ऑफ यूनिटी

2018 में सरदार पटेल की प्रतिमा ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ का अनावरण किया गया। यह प्रतिमा न केवल उनके प्रति श्रद्धांजलि है, बल्कि देश की एकता और अखंडता का प्रतीक भी है। इस प्रतिमा की ऊँचाई 182 मीटर है, जो इसे विश्व की सबसे ऊँची प्रतिमा बनाती है।

स्टैच्यू ऑफ यूनिटी का उद्देश्य सिर्फ सरदार पटेल को सम्मान देना नहीं बल्कि भारतवासियों को यह संदेश देना है कि यदि हम एकजुट रहेंगे, तो हम किसी भी चुनौती का सामना कर सकते हैं।

राष्ट्रीय एकता दिवस: एक प्रेरणा स्रोत

राष्ट्रीय एकता दिवस केवल एक तिथि या आयोजन नहीं है, बल्कि यह प्रत्येक भारतीय के लिए एक प्रेरणा स्रोत है। इस दिन हम अपने देश के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को याद करते हैं और यह संकल्प लेते हैं कि हम अपनी विविधता को अपनी ताकत बनाएँगे और देश की अखंडता को बनाए रखेंगे।

सरदार पटेल ने जो संदेश दिया है, उसे आत्मसात करना हम सबका कर्तव्य है। उनकी शिक्षाएँ आज के युवाओं के लिए प्रेरणा स्रोत हैं, जो देश के उज्ज्वल भविष्य की दिशा में हमें आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करती हैं।

राष्ट्रीय एकता दिवस हमें एकजुटता की शक्ति और सरदार पटेल के योगदान की याद दिलाता है। यह दिन भारतीय समाज में भाईचारे, अखंडता और प्रेम की भावना को मजबूत करता है। यह दिवस सरदार पटेल के विचारों को पुनः स्मरण कराता है और हमें इस बात की सीख देता है कि विविधताओं के बावजूद, यदि हम एकजुट रहेंगे, तो किसी भी संकट का सामना कर सकते हैं।

अतः हर भारतीय का यह दायित्व बनता है कि वह इस दिन को संकल्प के रूप में ले, देश की एकता, अखंडता और स्वतंत्रता को बनाए रखने के लिए सदैव तत्पर रहे। राष्ट्रीय एकता दिवस एक ऐसा पर्व है, जो हमें अपने महान नेताओं के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने का अवसर देता है और साथ ही हमें अपने कर्तव्यों की याद दिलाता है।

भारत की अखंडता को मजबूत करना और सरदार पटेल के संदेश को आगे बढ़ाना ही सच्ची राष्ट्रीय एकता का प्रतीक है।

इसे भी पढ़ें…