Protest in Pakistan || इस्लामाबाद में पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के विरोध प्रदर्शन ने हिंसक रूप ले लिया है। प्रदर्शनकारियों और सुरक्षा बलों के बीच हुई झड़पों में अब तक दो पुलिस अधिकारियों और चार पाकिस्तानी रेंजर्स के जवानों की मौत हो चुकी है। इस्लामाबाद-श्रीनगर हाईवे पर एक दुर्घटना में प्रदर्शनकारियों का वाहन रेंजर्स से टकरा गया, जिससे स्थिति और गंभीर हो गई। वहीं, चुंगी नंबर 26 पर पत्थरबाजी और गोलीबारी की घटनाओं में एक रेंजर घायल हुआ है।
सरकार का सख्त रुख: सेना को तैनाती और कर्फ्यू का आदेश
स्थिति को नियंत्रित करने के लिए सरकार ने सेना को तैनात कर दिया है। गृह मंत्रालय ने सेना को कानून व्यवस्था बनाए रखने और जरूरत पड़ने पर कर्फ्यू लगाने का अधिकार दिया है। प्रदर्शनकारियों पर लगाम कसने के लिए सुरक्षाबलों को सख्त कार्रवाई के आदेश दिए गए हैं। अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि दंगाई गतिविधियों में शामिल लोगों को गोली मारी जा सकती है।
डी-चौक बना विरोध का केंद्र बिंदु
पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के समर्थक राजधानी के संवेदनशील क्षेत्र डी-चौक की ओर मार्च कर रहे हैं। हालांकि, सरकार ने प्रदर्शन स्थल को डी-चौक से बदलकर संजनी इंटरचेंज करने का सुझाव दिया था। इमरान खान ने इस प्रस्ताव को मान लिया था, लेकिन उनकी पत्नी बुशरा बीबी ने इससे सहमति नहीं जताई। उन्होंने स्पष्ट किया कि पीटीआई का विरोध प्रदर्शन डी-चौक पर ही होगा।
बुशरा बीबी का नेतृत्व और सरकार की चिंता
कई जानकार मानते हैं कि बुशरा बीबी वर्तमान में पीटीआई के प्रमुख फैसले ले रही हैं। उनके इस सख्त रुख ने सरकार को चिंता में डाल दिया है। गृह मंत्री मोहसिन नकवी ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर प्रदर्शनकारियों ने रेड लाइन पार की, तो सरकार सख्त कदम उठाने को मजबूर हो जाएगी।
तनावपूर्ण माहौल और अनिश्चित भविष्य
इस्लामाबाद में जारी विरोध प्रदर्शन ने सरकार और पीटीआई के बीच तनाव को और गहरा कर दिया है। बेलारूस के राष्ट्रपति की पाकिस्तान यात्रा के चलते हालात और संवेदनशील हो गए हैं। सरकार ने प्रदर्शनकारियों को चेतावनी दी है कि वे संयम बरतें, अन्यथा कर्फ्यू और सख्त कार्रवाई के लिए तैयार रहें।
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