VIJAY DASHMI | दशहरा पर दिख जाए नीलकंठ पक्षी तो समझ लीजिए खुलने वाली है आपकी किस्मत

NEW DELHI | आज 24 अक्तूबर को दशहरा यानी विजयादशमी है। मान्याता है कि त्रेतायुग में आश्विन मास की शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि के दिन प्रभु श्रीराम ने लंकापति रावण का वध कर माता सीता को उसके चंगुल से आजाद किया था। तब से हर साल इस दिन रावण के पुतले का दहन किया जाता है। दशहरा का पर्व बुराई पर अच्छाई की जीत का संदेश देता है। दशहरे के पर्व को लेकर कई तरह की मान्यताएं प्रचलित हैं। एक मान्यता के अनुसार इस दिन नीलकंठ पक्षी का दर्शन करना भी अत्यंत शुभ होता है। कहते हैं कि दशहरा के दिन नीलकंठ पक्षी के दर्शन से आपके सभी बिगड़े काम सही हो जाते हैं और जीवन में सुख समृद्धि भी आती है। ऐसे में चलिए जानते हैं दशहरा के दिन नीलकंठ का दर्शन करना क्यों शुभ माना गया है और इससे जुड़ी पौराणिक मान्यता क्या है
दशहरा पर दिख जाए ये पक्षी तो समझ लीजिए खुलने वाली है किस्मत
नीलकंठ पक्षी के दर्शन का महत्व
हिंदू धर्म में नीलकंठ पक्षी को बेहद शुभ माना जाता है। दशहरा के दिन इसके दर्शन होने से धन और संपत्ति में बढ़ोतरी होती है। मान्यता है कि दशहरा के दिन किसी भी समय नीलकंठ पक्षी दिख जाए तो इससे घर में खुशहाली आती है और वहीं आप जो भी काम करने जा रहे हैं उसमें सफलता मिलती है।
दशहरा पर नीलकंठ के दर्शन क्यों शुभ?
पौराणिक मान्यता के अनुसार जब भगवान श्री राम रावण का वध करने जा रहे थे तो उस दौरान उन्हें नीलकंठ पक्षी के दर्शन हुए थे। इसके बाद भगवान श्री राम को रावण पर विजय प्राप्त हुई थी। इसके अलावा कहा जाता है कि रावण का वध करने के बाद भगवान राम को ब्राह्मण हत्या का पाप लगा था। भगवान श्रीराम ने उस पाप से मुक्ति पाने के लिए शिवजी की आराधना की थी। मान्यता है कि श्रीराम को इस पाप से मुक्ति दिलाने के लिए शिव जी ने नीलकंठ पक्षी के रूप में दर्शन दिया था। तभी से दशहरे के दिन नीलकंठ के दर्शन की परंपरा है। इस दिन नीलकंठ का दिखना शुभ माना जाता है।
नीलकंठ पक्षी दिखने पर जपें ये मंत्र
‘कृत्वा नीराजनं राजा बालवृद्धयं यता बलम्।
शोभनम खंजनं पश्येज्जलगोगोष्ठसंनिघौ।।
नीलग्रीव शुभग्रीव सर्वकामफलप्रद।
पृथ्वियामवतीर्णोसि खच्चरीट नमोस्तुते।।

क्या है नीलकंठ का अर्थ?
नीलकंठ अर्थात जिसका गला नीला हो। धर्म शास्त्रों के अनुसार भगवान शिव ही नीलकंठ हैं। इसी कारण से इस पक्षी को भगवान शिव का प्रतिनिधि और स्वरूप दोनों माना जाता है। मान्यता है कि दशहरा पर भगवान शिव नीलकंठ पक्षी का रूप धारण कर विचरण करते हैं। ऐसे में यदि किसी व्यक्ति को दशहरा के दिन नीलकंठ के दर्शन होते हैं तो इसे शुभ माना जाता है।

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