Waqf Amendment Bill: वक्फ बोर्ड एक संवैधानिक निकाय है, जो मुस्लिम समुदाय की धार्मिक, धर्मार्थ और सार्वजनिक संपत्तियों का प्रबंधन करता है। इसका गठन वक्फ अधिनियम, 1954 और बाद में संशोधित वक्फ अधिनियम, 1995 के तहत किया गया था।
वक्फ संपत्तियों में आमतौर पर मस्जिद, दरगाह, कब्रिस्तान, मदरसे, धार्मिक पुस्तकालय और अन्य सार्वजनिक भलाई की संपत्तियां शामिल होती हैं। लेकिन समय-समय पर विवाद सामने आते हैं कि वक्फ बोर्ड कई बार निजी संपत्तियों को भी अपनी संपत्ति घोषित कर देता है।
सरकार क्यों ला रही है नया संशोधन?
वक्फ बोर्ड की बढ़ती शक्तियों और विवादित संपत्तियों पर उसके दावों को देखते हुए सरकार इसमें बदलाव करने की योजना बना रही है। संशोधन के बाद वक्फ बोर्ड को किसी भी संपत्ति को वक्फ घोषित करने के लिए स्पष्ट कानूनी प्रमाण और सरकार की मंजूरी लेनी होगी।
संशोधन के बाद क्या बदलेगा?
बिना पुख्ता दस्तावेजों के किसी संपत्ति पर दावा नहीं कर सकेगा वक्फ बोर्ड
विवादित संपत्तियों के मामलों में न्यायिक प्रक्रिया अनिवार्य होगी
सरकारी और निजी संपत्तियों को जबरन वक्फ घोषित करने पर रोक लगेगी
किसी भी संपत्ति को वक्फ घोषित करने से पहले पब्लिक नोटिस और जांच प्रक्रिया अनिवार्य होगी
कैसे करता था वक्फ बोर्ड संपत्तियों पर दावा?
अभी तक वक्फ बोर्ड को यह अधिकार था कि वह किसी भी संपत्ति को “वक्फ संपत्ति” घोषित कर सकता था, फिर भले ही वह जमीन निजी हो या सरकारी। वक्फ बोर्ड अपनी संपत्ति रजिस्टर में किसी भी जमीन को जोड़ सकता था, जिसके खिलाफ कानूनी लड़ाई लंबी और जटिल हो जाती थी।
संशोधन के फायदे
निजी संपत्तियों की रक्षा होगी
सरकारी जमीनों पर अवैध कब्जों को रोका जा सकेगा
विवादित संपत्तियों को लेकर पारदर्शिता आएगी
लोगों के संपत्ति अधिकार सुरक्षित रहेंगे