West Indies vs England, 1st ODI || वेस्टइंडीज के ओपनर एविन लुईस ने एक बार फिर से अपनी विस्फोटक बल्लेबाजी का ऐसा प्रदर्शन किया कि इंग्लैंड के गेंदबाज उसके सामने बौने नजर आए। इस वनडे मुकाबले में लुईस की घातक बल्लेबाजी ने इंग्लैंड की टीम को बुरी तरह पराजित किया और वेस्टइंडीज ने इस सीरीज का पहला वनडे 8 विकेट से अपने नाम कर लिया।
इंग्लैंड की हार का सिलसिला जारी
पाकिस्तान में हार का स्वाद चखने के बाद इंग्लैंड ने वेस्टइंडीज में भी निराशाजनक प्रदर्शन किया। दिवाली के दिन खेले गए इस पहले वनडे में इंग्लैंड की टीम पूरी तरह से धाराशायी हो गई। तीन मैचों की इस सीरीज के पहले मुकाबले में इंग्लैंड को 8 विकेट से शिकस्त का सामना करना पड़ा, जिसमें लुईस का बल्ला कहर बरपाता नजर आया। महज 69 गेंदों पर 94 रनों की शानदार पारी खेलते हुए लुईस ने इंग्लैंड के गेंदबाजों को बेहाल कर दिया। इस दौरान उनके बल्ले से 8 छक्के और 5 चौके निकले, और उनका स्ट्राइक रेट 140 के करीब रहा।
डकवर्थ-लुईस के आधार पर मैच का फैसला
बारिश ने मैच में खलल डाला, जिससे डकवर्थ-लुईस नियम का सहारा लेना पड़ा। इंग्लैंड ने पहले बल्लेबाजी करते हुए मात्र 209 रन बनाए। बारिश के बाद वेस्टइंडीज को 35 ओवर में 157 रनों का संशोधित लक्ष्य मिला। एविन लुईस की आंधी के चलते वेस्टइंडीज ने यह लक्ष्य 10 ओवर पहले ही हासिल कर लिया। ब्रैंडन किंग के साथ लुईस ने 118 रनों की साझेदारी की, जिसमें किंग ने केवल 30 रन बनाए। दूसरी तरफ लुईस ने 46 गेंदों में 5 छक्कों के साथ अर्धशतक बनाया और ताबड़तोड़ बल्लेबाजी करते हुए 94 रन बनाकर आउट हुए। शतक से महज 6 रन दूर रहकर वे आदिल रशीद की गेंद पर आउट हो गए।
गुडकेश मोती का जबरदस्त स्पिन अटैक
लुईस की तूफानी पारी से पहले वेस्टइंडीज के लेफ्ट आर्म स्पिनर गुडकेश मोती का जलवा भी देखने को मिला। उन्होंने इंग्लैंड के आक्रामक बल्लेबाजों पर कहर बरपाते हुए 10 ओवर में मात्र 41 रन देकर 4 महत्वपूर्ण विकेट झटके। इंग्लैंड के मिडिल ऑर्डर को मोती ने पूरी तरह धराशायी कर दिया। कप्तान लिविंगस्टन ने जरूर 48 रनों की पारी खेली और सैम कर्रन ने 37 रनों का योगदान दिया, लेकिन टीम के बल्लेबाज ज्यादा देर तक क्रीज पर टिक नहीं सके और पूरी टीम 46वें ओवर तक सिमट गई।
नतीजा – वेस्टइंडीज ने दर्ज की धमाकेदार जीत
एविन लुईस और गुडकेश मोती की शानदार परफॉर्मेंस के बदौलत वेस्टइंडीज ने इस मुकाबले में शानदार जीत हासिल की और इंग्लैंड को एक बार फिर हार का स्वाद चखाया।