रांची: कथित जमीन घोटाला और मनी लांड्रिंग के मामले में हाई कोर्ट ने पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को जमानत दे दी है. अब वह बाहर हैं. 50-50 हजार के दो मुचलके पर कोर्ट ने उन्हें जमानत दी. शाम के करीब चार बजे वह जेल से बाहर निकले. हेमंत सोरेन की पत्नी गांडेय विधायक कल्पना सोरेन. भाई बसंत सोरेन समेत पार्टी के अन्य नेता कार्यकर्ता ने जेल से निकलते ही उनका स्वागत किया.
हेमंत सोरेन ने हाथ हिलाकर कार्यकर्ताओं का किया अभिवादन
हेमंत सोरेन ने हाथ हिलाकर कार्यकर्ताओं का अभिवादन किया.फिर उनका काफिला जेल परिसर से बाहर निकला. हेमंत सोरेन का काफिला सीधे शिबू सोरेन के घर पर पहुंचा. यहां उनकी मां ने हेमंत सोरेन का आरती उतारी. यह भावुक करने वाला पल था. जिसके बाद हेमंत सोरेन अपने पिता से मिलने पहुंचे. पिता से आर्शिवाद लिया और उनकी तबियत के बारे में जानकारी ली.
31 जनवरी को हुई थी हेमंत की गिरफ्तारी
हेमंत सोरेन को 31 जनवरी को इंफोर्समेंट डाइरेक्टोरेट (ईडी) ने गिरफ्तार किया था. कई दिनों तक रिमांड पर रख कर इडी ने उनसे पूछताछ की. फिर अदालत ने उन्हें न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया था. वह और उनकी पार्टी यही कहती रही है कि उन्हें गलत तरीके से फंसाया जा रहा है. एक ऐसे मामले में जिसमें उनकी कोई भूमिका नहीं है. जमानत मिलने के बाद झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेताओं और कार्यकर्ताओं में उत्साह देखा जा रहा है.
जमीन कब्जा करने में हेमंत का सीधे तौर पर हांथ नहीं:हाईकोर्ट
पार्टी यह भी आरोप लगाती रही है कि केंद्र सरकार के इशारे पर हेमंत सोरेन को फंसाया गया है. लोकसभा चुनाव से दूर रखने के लिए उन्हें गिरफ्तार किया गया है. यह भी एक संयोग ही है कि चुनाव खत्म होने के एक माह के भीतर वह जमानत पर छूटे. हेमंत सोरेन को जमानत देते हुए अदालत ने चार प्रमुख बातें कही हैं. पहला यह कि जमीन कब्जा करने में हेमंत का सीधे तौर पर जुड़े नहीं थे, दूसरा ईडी का यह कहना कि उसके हस्तक्षेप से अवैध कब्जा रुका, यह अस्पष्ट है, तीसरा यह मानने का कोई कारण नहीं है कि हेमंत मनी लांड्रिंग के दोषी थे और चौथा यह कि पीएमएलए की धारा 45 में जमानत के लिए जरुरी दो शर्तों को पूरा कर लिया है.
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