Jharia Coal Field: धधकती ज्वालामुखी के बीच कटती हजारों जिंदगी

परिचय: झरिया कोल फील्ड्स, जो भारत के झारखंड राज्य के धनबाद जिले में स्थित हैं, देश के सबसे प्रमुख कोयला खदान क्षेत्रों में से एक हैं। यह क्षेत्र अपनी समृद्ध कोयला भंडार के लिए जाना जाता है, लेकिन पिछले कई दशकों से यह आग की लपटों में घिरा हुआ है। झरिया की आग, जो करीब एक सदी से धधक रही है, न केवल स्थानीय निवासियों के जीवन को प्रभावित कर रही है बल्कि पर्यावरण पर भी गंभीर प्रभाव डाल रही है।

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आग की शुरुआत: झरिया कोल फील्ड्स में आग की शुरुआत का कोई सटीक समय नहीं है, लेकिन यह माना जाता है कि यह आग 1916 के आसपास शुरू हुई थी। कोयला खदानों में खुदाई के दौरान उत्पन्न गर्मी और ऑक्सीजन के संपर्क में आने से कोयले ने स्वतः ही जलना शुरू कर दिया। इसके बाद, यह आग धीरे-धीरे फैलती गई और आज तक बुझ नहीं पाई है।

आग का प्रभाव: झरिया कोल फील्ड्स में धधकती आग ने स्थानीय निवासियों के जीवन को बुरी तरह प्रभावित किया है। यह आग न केवल जमीन के ऊपर बल्कि जमीन के नीचे भी फैल चुकी है, जिससे यहाँ के मकान, सड़कों और अन्य संरचनाओं को नुकसान पहुँच रहा है।

  1. स्वास्थ्य पर प्रभाव: आग से उत्पन्न धुआं और हानिकारक गैसों के कारण स्थानीय लोगों को सांस संबंधी बीमारियाँ, फेफड़ों के रोग और अन्य गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।
  2. पर्यावरण पर प्रभाव: आग से निकली गर्मी और गैसें पर्यावरण को भी प्रभावित कर रही हैं। यह वातावरण में कार्बन डाइऑक्साइड, मीथेन और अन्य हानिकारक गैसों की मात्रा को बढ़ा रही है, जो ग्लोबल वार्मिंग और जलवायु परिवर्तन में योगदान कर रही हैं।
  3. आर्थिक प्रभाव: आग के कारण यहाँ की कोयला खदानों का उत्पादन भी प्रभावित हो रहा है। इसके अलावा, आग के कारण होने वाले विस्थापन और पुनर्वास के कारण सरकारी संसाधनों पर भी भारी बोझ पड़ रहा है।

सरकारी प्रयास: झरिया कोल फील्ड्स की आग को बुझाने और इसके प्रभाव को कम करने के लिए कई सरकारी प्रयास किए गए हैं। कोल इंडिया लिमिटेड (CIL) और भारत सरकार ने इस आग को बुझाने के लिए कई योजनाएँ और परियोजनाएँ शुरू की हैं, जिनमें से कुछ प्रमुख निम्नलिखित हैं:

  1. फायर प्रोजेक्ट्स: आग को नियंत्रित करने के लिए विशेष फायर प्रोजेक्ट्स चलाए जा रहे हैं, जिनमें आग बुझाने के लिए पानी और रसायनों का उपयोग किया जा रहा है।
  2. पुनर्वास परियोजनाएँ: आग के कारण विस्थापित लोगों के पुनर्वास के लिए नए आवासीय क्षेत्रों का निर्माण किया जा रहा है।
  3. स्वास्थ्य सेवाएँ: स्थानीय लोगों के स्वास्थ्य की देखभाल के लिए विशेष स्वास्थ्य केंद्र और अस्पताल स्थापित किए जा रहे हैं।

चुनौतियाँ और भविष्य: झरिया कोल फील्ड्स की आग को बुझाना एक बड़ी चुनौती है। यहाँ की भूगर्भीय संरचना और कोयले की गहराई के कारण आग को पूरी तरह से बुझाना मुश्किल हो गया है। इसके अलावा, स्थानीय निवासियों की आजीविका और जीवन शैली को ध्यान में रखते हुए पुनर्वास और राहत कार्यों को संतुलित करना भी एक चुनौती है।

निष्कर्ष: झरिया कोल फील्ड्स की धधकती आग एक गंभीर समस्या है, जो पिछले कई दशकों से चली आ रही है। यह आग न केवल स्थानीय निवासियों के जीवन को प्रभावित कर रही है बल्कि पर्यावरण और अर्थव्यवस्था पर भी गहरा प्रभाव डाल रही है। इस समस्या का समाधान निकालना न केवल झारखंड राज्य बल्कि पूरे देश के लिए महत्वपूर्ण है। इसके लिए सरकार, वैज्ञानिक समुदाय और स्थानीय निवासियों को मिलकर काम करना होगा, ताकि इस आग को बुझाया जा सके और झरिया कोल फील्ड्स को एक सुरक्षित और समृद्ध क्षेत्र में परिवर्तित किया जा सके।

-वार्ता संभव डेस्क