Jharkhand Assembly Election 2024 | अगर धनबाद के बाघमारा में सरयू राय को अपने प्रतिद्वंदी को घेरना है और कसक या टीस निकालनी है तो उन्हें ढुलू महतो के चीर प्रतिद्वंदी विजय झा को अर्जुन की भूमिका के लिए तैयार करना होगा।
धनबाद: झारखंड में जदयू के रथ की बागडोर जमशेदपुर पूर्वी के विधायक सरयू राय के हाथों में है। एनडीए का पार्टनर होने के नाते भाजपा का कपिध्वज भी उस रथ में लगा हुआ है।अगर धनबाद के बाघमारा में सरयू राय को अपने प्रतिद्वंदी को घेरना है और कसक या टीस निकालनी है तो उन्हें ढुलू महतो के चीर प्रतिद्वंदी विजय झा को अर्जुन की भूमिका के लिए तैयार करना होगा। कृष्ण जैसा सारथी बनकर उन्हें अर्जुन को सहयोग करना होगा, तभी बाघमारा को महाभारत का नया कुरुक्षेत्र बनाकर इतिहास रचा जा सकता है।बता दें कि वर्ष 1995 में विजय झा बाघमारा से भाजपा के उम्मीदवार थे और उन्होंने 17 हजार से कुछ अधिक वोट लाया था। कांग्रेस पार्टी के स्व ओपी लाल ने झामुमो( मार्डी ) के जलेश्वर महतो को 1000 वोटों से परास्त किया था। विजय झा धनबाद के जिलाध्यक्ष थे और तब उन्होंने पूरे सूबे में भाजपा का सर्वाधिक सदस्य बनाने का कीर्तिमान बनाया था। आज भी भाजपाइयों से उनके संबंध काफी मधुर हैं। सिर्फ सांसद से उन्हें परहेज और दूरी है। लिहाजा सांसद विरोधी लोग भी श्री झा को वोट करेंगे।सांसद ढुल्लू महतो के दोनों ही धूर विरोधी हैं। फिर दुश्मन के दुश्मन दोस्त होते हैं और वैसे भी सरयू राय और विजय झा में दांत काटी रोटी का रिश्ता है।विजय झा धन से भी संपन्न हैं। इस तरह से अगर व्यूह की रचना हो तो विजय झा घूमती हुई मछली की आंख के कोए को भेदने में सफल हो जाएं तो कोई आश्चर्य नहीं। लेकिन इसे मूर्त रूप देने के लिए सरयू राय को बाघमारा के मैदान में श्रीकृष्ण की तरह पाञ्चजन्य शंख बजाना होगा, धर्म की रक्षा के लिए युद्ध करना होगा। गीता का अंतिम श्लोक है:यत्र योगेश्वरः कृष्णो यत्र पार्थो धनुर्धरः। तत्र श्रीर्विजयो भूतिर्ध्रुवा नीतिर्मितर्मम् ॥ मतलब जहां श्रीकृष्ण हों धनुर्धर अर्जुन के साथ और जहां नीति और न्याय हो,वहां जीत सुनिश्चित है। (सोशल मीडिया से साभार)