Crude Oil Price Hike: कच्चे तेल की कीमतों में बढ़ोतरी: देशभर में पेट्रोल और डीजल के दामों पर असर

Crude Oil Price Hike

Crude Oil Price Hike

Crude Oil Price Hike: वैश्विक बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में फिर से तेजी देखी जा रही है। ब्रेंट क्रूड का भाव 77 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच चुका है, जिसका प्रभाव भारत में पेट्रोल और डीजल की कीमतों पर भी नजर आ रहा है। सोमवार को देश के कई शहरों में तेल के दाम बढ़े हुए दिखे, हालांकि चार प्रमुख महानगरों में तेल की कीमतें स्थिर रहीं।

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पेट्रोल-डीजल की ताजा कीमतें

सरकारी तेल कंपनियों द्वारा जारी ताजा रेट के अनुसार, कुछ शहरों में पेट्रोल-डीजल के दामों में मामूली बढ़ोतरी या गिरावट हुई है।

  • नोएडा:
    • पेट्रोल: ₹94.77 प्रति लीटर (10 पैसे सस्ता)
    • डीजल: ₹87.89 प्रति लीटर (12 पैसे सस्ता)
  • गाजियाबाद:
    • पेट्रोल: ₹94.70 प्रति लीटर (20 पैसे महंगा)
    • डीजल: ₹87.67 प्रति लीटर (23 पैसे महंगा)
  • पटना:
    • पेट्रोल: ₹105.41 प्रति लीटर (17 पैसे सस्ता)
    • डीजल: ₹92.26 प्रति लीटर (16 पैसे सस्ता)

चार महानगरों में स्थिरता

चार प्रमुख महानगरों में पेट्रोल-डीजल की कीमतों में कोई बदलाव नहीं देखा गया।

  • दिल्ली:
    • पेट्रोल: ₹96.65 प्रति लीटर
    • डीजल: ₹89.82 प्रति लीटर
  • मुंबई:
    • पेट्रोल: ₹106.31 प्रति लीटर
    • डीजल: ₹94.27 प्रति लीटर
  • चेन्नई:
    • पेट्रोल: ₹102.63 प्रति लीटर
    • डीजल: ₹94.24 प्रति लीटर
  • कोलकाता:
    • पेट्रोल: ₹106.03 प्रति लीटर
    • डीजल: ₹92.76 प्रति लीटर

वैश्विक बाजार का प्रभाव

कच्चे तेल की कीमतों में बढ़ोतरी जारी है।

  • ब्रेंट क्रूड:
    • $76.44 प्रति बैरल (तेजी के साथ)
  • डब्ल्यूटीआई:
    • $73.95 प्रति बैरल

पेट्रोल-डीजल की कीमतों में बदलाव के कारण

  1. अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमतों में उतार-चढ़ाव:
    वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल की मांग और आपूर्ति में बदलाव का असर भारतीय बाजार पर पड़ता है।
  2. कर और टैक्स:
    केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा लगाए गए कर पेट्रोल-डीजल के दामों को प्रभावित करते हैं।
  3. डॉलर-रुपया विनिमय दर:
    डॉलर के मुकाबले रुपये की कीमत में गिरावट भी तेल की लागत बढ़ा सकती है।

निष्कर्ष

वैश्विक बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में बढ़ोतरी से भारत में पेट्रोल-डीजल की कीमतों पर असर पड़ा है। कुछ शहरों में मामूली बदलाव हुआ है, जबकि महानगरों में कीमतें स्थिर हैं। आम जनता पर इसका प्रभाव लंबे समय तक देखने को मिल सकता है। ऐसे में सरकार को कच्चे तेल के आयात और करों पर ध्यान देकर स्थिरता बनाए रखने की दिशा में कदम उठाने की आवश्यकता है।