आजमगढ़ और सिवान के कलाकारों के प्रस्तुतियों ने दर्शकों का जीता दिल, अ काइंड ऑफ प्रेगनेंसी नाटक ने दर्शकों को किया भावुक
DHANBAD |कोयलांचल भारत कोकिंग कोल नृत्य संगीत एवं नाट्य संघ के काला हीरा के सातवें ऑल इंडिया मल्टी लिंगुअल डांस ड्रामा एंड म्यूजिक कंपटीशन कोयला नगर में शनिवार को द्वितीय दिन कार्यक्रम की शुरुआत हुनर संस्था आजमगढ़ की प्रस्तुति गणेश वंदना से हुई और इस टीम के कलाकारों ने अपलम चपलम और हरियाणवी नृत्य मर छेड़ बलम मेरी चुनार ने… की बहुत बेहतरीन प्रस्तुति पेश की जिसे दर्शको ने काफी सराहा। साथ ही सिवान की कलानिकेतन के कलाकारों ने बिहार की संस्कृति पर बहुत ही बहुत ही आकर्षक दर्शनीय एवं काबिल ए तारीफ प्रस्तुति पेश की। इस गीत में पूरे बिहार की झलक कलाकारों ने दिखाने की कोशिश की। तथा साथ ही भोजपुरी गीत एवं नृत्य की प्रस्तुति की। कार्यक्रम के द्वितीय दिन 100 कलाकारों ने सब जूनियर ग्रुप डांस, जूनियर ग्रुप डांस, करके दर्शकों को अपने हुनर से काफी आश्चर्यचकित कर प्रभावित किया। इन कला के हुनरवान बच्चों के प्रशंसनीय प्रस्तुतियों से उनके अभिभावक एवं अतिथि काफी गौरांवित और गदगद हुए तथा दर्शकों ने काफी सराहा और उनके प्रस्तुति का आनंद लेकर तालियों से स्वागत किया।द्वितीय दिन के पुरस्कार वितरण के दौरान काला हीरा के निर्देशक राजेंद्र प्रसाद ने कहा आज कार्यक्रम के निर्णायको को पुरस्कार के निर्णय लेना बहुत ही मुश्किल रहा क्योंकि सभी कलाकारों ने एक से बढ़कर एक प्रस्तुति पेश किया था। पश्चिम बंगाल से आए ऑल इंडिया थिएटर काउंसिल के मो. तनवीर आलम ने कहा शुरुआती दौर पर लगा कि काला हीरा कार्यक्रम ज्यादा नहीं चलेगा लेकिन वर्तमान में निर्देशक राजेंद्र प्रसाद के प्रयास एवं धनबाद के कला कद्रदानो के समर्थन और सहयोग से वर्तमान में पूरे देश के 12 राज्यों के हजार की संख्या में कला संस्थाएं और नामी गिरामी कलाकार तथा स्थानीय कलाकार जुड़ कर बहुत उत्साह से अपना अपना शानदार हुनर प्रस्तुत कर अपनी कला और भारतीय संस्कृति सभ्यता की झलकियां पेश कर रहे हैं। सभी के समर्थन और प्यार से कार्यक्रम हर वर्ष भव्य होता जा रहा है।भविष्य में काला हीरा सभी कलाकारों और धनबाद के कला के प्रेमियों के समर्थन से सिल्वर जुबली और गोल्डन जुबली भी अवश्य मनाकर धनबाद का नाम रौशन करेगी। आज युथ थिएटर ग्रुप, शाहजहांपुर ने बहुत ही शानदार नाटक अ काइंड ऑफ प्रेगनेंसी पेश किया। जिसके निर्देशक सादान खान हैं। इस नाटक में योगेश सोमन एक ऐसी कृति है जिसमें आकांक्षा महत्वाकांक्षा और वेदना का अद्भुत मिश्रण है। जिंदगी लंबी नहीं बड़ी होनी चाहिए इस चुप्पी को बड़ी कुशलता के साथ लेखक ने चित्रित किया। नाटक की नायिका अनीता के प्रेग्नेंट होने के लक्षण दिखाई देते हैं तो वह सपनों का ताना-बाना बुनने लगती है। एक सुंदर सुखद कल को जीने की चाहत लिए जब उसे पता चलता है वह प्रेग्नेंट नहीं है बल्कि जो लक्षण दिखाई दे रहे थे उसका कारण है उसके पेट में ट्यूमर का लास्ट स्टेज पर होना। उसे जब पता चलता है कि उसके पास सिर्फ 2 महीने का समय बचा है तो 2 महीनों की जिंदगी जीने की ललक ने नाटक को ऊंचाइयां प्रदान की तथा गंभीरता से देखने के लिए दर्शकों का ध्यानाकर्षित किया और इस नाटक के विषय पर चिंतन मनन के लिए विवश किया । द्वितीय दिन के कंपटीशन में विजेता में काजल प्रजापति और कामिनी प्रजापति रहे। उन्हें निर्णायको ने ए प्लस उनके उत्कृष्ट नृत्य प्रदर्शन पर दिया साथ ही एकल नृत्य में हर्षिता बरनवाल, जिम प्रजापति रिमझिम प्रजापति, मानस्वी प्रजापति और प्रियांशु को विजेता घोषित किया तथा सोलो में सिवान के कलानिकेतन को ए प्लस ग्रेड , हुनर संस्थान आजमगढ़ को ए प्लस ग्रेड तथा ग्रुप डांस में सिवान कलानिकेतन को ए ग्रेड देकर विजेता घोषित किया। कार्यक्रम का संचालन शिल्पा कुमारी ने बहुत ही व्यवस्थित ढंग से किया। काला हीरा कार्यक्रम के साथ साथ काला हीरा के निर्देशक राजेंद्र प्रसाद,ऑल इंडिया थिएटर काउंसिल के संरक्षक अवधेश सिंह, सिवान बिहार के विजय श्रीवास्तव, वाराणसी के अष्टभुजा मिश्रा एआईटीसी के यूपी स्टेट कन्वीनर सुनील दत्त विश्वकर्मा एआईटीसी के सेक्रेटरी मो.तनवीर आलम, सुरभि जयवर्धने, क्लब इंडिया के डायरेक्टर संतोष रजक एवं अन्य अतिथियों तथा कलाकारों की उपस्थिति में धूमधाम और हर्षोल्लास के साथ मंच पर केक काटकर मनाया गया।