NEW DELHI | संसद के मानसून सत्र का आज पांचवां दिन है। विपक्ष केंद्र सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाएगा। कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने मंगलवार को यह जानकारी दी थी। कांग्रेस ने अपने लोकसभा सांसदों को सदन में उपस्थित रहने के लिए व्हिप जारी किया है। विपक्षी गठबंधन I.N.D.I.A अविश्वास प्रस्ताव के जरिए सरकार को चर्चा के लिए बाध्य करना चाहता है। विपक्ष जानता है कि सरकार सदन में आसानी से बहुमत साबित कर देगी, लेकिन अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस स्वीकार होना है तो प्रधानमंत्री का भाषण भी होगा। इससे सभी पार्टियों को चर्चा का मौका मिलेगा। यह सिर्फ सदन में सरकार को घेरने का तरीका है। अगर आंकड़ों की बात करें तो अभी लोकसभा में NDA के 335 सांसद हैं। मोदी सरकार के खिलाफ पहला अविश्वास प्रस्ताव 20 जुलाई 2018 में आया। तब सरकार को 325, विपक्ष को 126 वोट मिले थे। वहीं, संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा, पिछली बार जब विपक्ष अविश्वास प्रस्ताव लाया था, उसके बाद हुए लोकसभा चुनाव में भाजपा 300 से अधिक सीटों के साथ सत्ता में आई थी। इस बार भी वही होगा, 2024 में हमें 350 से ज्यादा सीटें मिलेंगी।
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सेबी ने कहा कि माल्या ने अपनी पहचान छिपाकर मैटरहॉर्न वेंचर्स नाम की एफपीआई कंपनी के जरिए निवेश किया, जो भारतीय कंपनियों के शेयरधारकों के हित के खिलाफ था। सेबी के आदेश के अनुसार इस एफपीआई कंपनी का इस्तेमाल हरबर्टसन्स और यूनाइटेड स्पिरिट्स (USL) जैसी शराब कंपनियों के शेयरों में लेन-देन के लिए किया गया। सेबी ने पाया कि मैटरहॉर्न वेंचर्स के पास हरबर्टसन्स के 9.98 प्रतिशत शेयर थे, जो वास्तव में प्रमोटर श्रेणी के थे और पूरी तरह से माल्या द्वारा फंडेड थे।