SPECIAL | भारत के कई मंदिरों में राम नहीं रावण की होती है पूजा, यहां दशहरे पर खुलता है द्वार

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NEW DELHI | भारत में यूं तो कई मंदिर हैं, जहां पर देवी-देवताओं की पूजा की जाती है। लेकिन क्या आपको पता है कि भारत में कई ऐसे मंदिर हैं जहां रावण की पूजा की जाती है। भारत में कई ऐसे मंदिर हैं, जहां रावण की पूजा की जाती है और कुछ जगहों पर रावण भगवान शिव के मंदिर में भी विराजमान हैं। आइए, जानते हैं भारत के रावण मंदिरों के बारे में, जहां आपको एक बार जरूर जाना चाहिए।
कानपुर में रावण मंदिर : कानपूर में रावण का मंदिर है, जो साल में केवल दो दिन के लिए दशहरा के दिन ही खोला जाता है। इस शहर में दशहरा के दिन रावण की पूजा की जाती है। इस दिन विधि-विधान से रावण की मूर्ती को दूध से नहलाया जाता है और फिर श्रृंगार भी होता है। फिर रावण की आरती भी की जाती है।
मंदसौर में रावण मंदिर : ये एक ऐसी जगह है जहां 10 सिर वाली 35 फीट ऊंची मूर्ति के रूप में रावण की पूजा की जाती है। इस जगह के पास शाजापुर जिले में भड़केड़ी गांव है, जहां मेघनाद को समर्पित एक मंदिर है।
बिसरख में रावण मंदिर : माना जाता है कि बिसरख एक ऐसा गांव है जहां रावण का जन्म हुआ था। यहां शिव मंदिर में रावण की मूर्ति भी स्थापित है, जिसकी बड़े विधि विधान के साथ पूजा की जाती है।इस जगह पर ऋषि विश्वास और उनके पुत्र रावण ने हजारों साल पहले एक शिवलिंग की पूजा की थी। इस जगह की खुदाई में शिवलिंग पाया गया था, माना जाता है कि यह वही लिंगम है जिसकी पूजा रावण और उनके पिता किया करते थे। इस गांव की एक बात खास है कि यहां पर रावण का पुतला नहीं जलाया जाता। राजस्थान के मंडौर में रावण का मंदिर- मंडोर में स्थानीय लोगों का मानना है कि ये वो जगह है, जहां रावण और पत्नी मंदोदरी का विवाह हुआ था। यहां रावण का मंदिर है, जिसे विशेष रूप से वैवाहिक कार्यक्रम के दौरान बनवाया गया था।

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