Asian Paints Share || बढ़ती प्रतिस्पर्धा और अन्य चुनौतियों के बीच एशियन पेंट्स के शेयर को कई ब्रोकरेज हाउस ने डाउनग्रेड किया और शेयर के टार्गेट प्राइस में कटौती की। इसका कारण है कि कंपनी का सितंबर तिमाही (Q2FY25) का परिणाम विश्लेषकों की उम्मीदों से काफी कम रहा। प्रमुख ब्रोकरेज हाउसों ने बताया कि देश की सबसे बड़ी पेंट कंपनी बाजार हिस्सेदारी खो रही है और इसके साथ ही मांग में भी कमजोरी आई है।
ग्लोबल ब्रोकरेज कंपनी Jefferies ने एशियन पेंट्स को “अंडरपरफॉर्म” रेटिंग दी है और इसका टार्गेट प्राइस 2,100 रुपये रखा है। Jefferies ने कहा कि बढ़ती प्रतिस्पर्धा को लेकर वे चिंतित हैं, जिससे कंपनी के भविष्य की तस्वीर भी धुंधली हो गई है।
ICICI Securities का कहना है कि बढ़ती प्रतिस्पर्धा के कारण एशियन पेंट्स की बाजार हिस्सेदारी घटी है। “जबकि इसके प्रतिद्वंदी कंपनियों जैसे बर्जर (+0.3%), कंसाई (-0.3%), एक्जो (+2.7%) और इंडिगो (+7.4%) की राजस्व वृद्धि बेहतर रही, वहीं एशियन पेंट्स का राजस्व 5.3% घटा। इसके अलावा, एशियन पेंट्स का EBITDA मार्जिन में 480 बेसिस पॉइंट की गिरावट आई,” ICICI ने अपने टार्गेट प्राइस को घटाकर 2,425 रुपये कर दिया है।
नई प्रतिस्पर्धी कंपनी बिरला ओपस के प्रभाव का आकलन करना बाकी है, लेकिन ICICI Securities का मानना है कि बढ़ती प्रतिस्पर्धा से एशियन पेंट्स की लाभप्रदता पर असर पड़ता रहेगा, जिससे कंपनी का वार्षिक मुनाफा घट सकता है। ब्रोकरेज ने FY24-26 के दौरान एशियन पेंट्स की राजस्व वृद्धि दर 4% और PAT -9.9% रहने का अनुमान लगाया है।
JPMorgan ने भी एशियन पेंट्स को “अंडरवेट” रेटिंग दी है और इसके टार्गेट प्राइस को 2,800 रुपये से घटाकर 2,400 रुपये कर दिया है। ब्रोकरेज के अनुसार, हाल के महीनों में कमजोर मांग के कारण एशियन पेंट्स की वृद्धि अपने प्रतिस्पर्धियों की तुलना में कमजोर रही है, खासकर राजस्व और मुनाफे के मामले में।
सोमवार को एशियन पेंट्स के शेयर में 8% की गिरावट आई और यह 2,547.80 रुपये प्रति शेयर पर बंद हुआ। कंपनी ने सितंबर तिमाही में 43.71% की गिरावट के साथ 693.66 करोड़ रुपये का समेकित शुद्ध लाभ दर्ज किया। इस तिमाही में इसका परिचालन से राजस्व 5.3% घटकर 8,027.54 करोड़ रुपये रहा।
कंपनी के प्रबंध निदेशक एवं CEO अमित सिंगल ने कहा कि तिमाही के दौरान पेंट इंडस्ट्री को कमजोर मांग का सामना करना पड़ा। घरेलू सजावटी कोटिंग्स सेगमेंट की वॉल्यूम में मामूली गिरावट आई, जबकि कुल घरेलू कोटिंग्स का राजस्व 5.5% घट गया, जो उपभोक्ताओं की कमजोर भावना और देश के कुछ हिस्सों में लगातार बारिश और बाढ़ के कारण प्रभावित हुआ।