Baghmara Election || झारखंड विधानसभा चुनाव 2024 के महासंग्राम के खत्म होते ही चर्चा का बाजार गर्म हो गया है। बाघमारा विधानसभा क्षेत्र में इस बार की चुनावी लड़ाई इतनी कांटेदार और अप्रत्याशित रही कि हर कोई नतीजों को लेकर संशय में है। चौक-चौराहों और राजनीतिक गलियारों में चर्चाओं का शोर जरूर है, लेकिन प्रत्याशियों के खेमों में एक अजीब सी खामोशी पसरी हुई है।
बाघमारा की अनोखी चुनावी स्थिति
इस बार का चुनाव बाघमारा में कई मायनों में अलग रहा। निर्दलीय प्रत्याशी रोहित यादव के मैदान में आने के बाद समीकरण पूरी तरह बदल गए। उनके पाले में लोगों का आना-जाना इस तरह शुरू हुआ कि कांग्रेस, भाजपा और समाजवादी पार्टी के बड़े दिग्गज भी परेशान हो गए। कुल 13 प्रत्याशी मैदान में थे, लेकिन असली मुकाबला कांग्रेस के जलेश्वर महतो, भाजपा के शत्रुघ्न महतो, सपा के सूरज महतो और निर्दलीय रोहित यादव के बीच ही देखा गया।
कौन बनेगा विजेता?
बाघमारा में यह चुनाव इतना सस्पेंस भरा रहा कि इस बार किसी खेमे में स्पष्ट विश्वास नहीं दिख रहा। हर खेमे का दावा है कि जीत उनके प्रत्याशी की ही होगी, लेकिन कोई ठोस आधार देने में असमर्थ है। पहले की तरह परिणामों का अनुमान लगाना इस बार बेहद कठिन है। राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि निर्दलीय प्रत्याशी रोहित यादव ने चुनावी समीकरण को पूरी तरह बदल दिया है।
निर्णायक दिन का इंतजार
23 नवंबर 2024, शनिवार, का दिन प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला करेगा। जीत की खुशी और हार की निराशा के इस खेल में सभी प्रत्याशी और उनके समर्थक दिल थामकर इस निर्णायक घड़ी का इंतजार कर रहे हैं। कौन पहनेगा जीत का सेहरा, यह देखना रोमांचक होगा।
बाघमारा का यह चुनाव केवल एक राजनीतिक मुकाबला नहीं बल्कि क्षेत्र की जनता के दिलों की धड़कन बन चुका है। यह देखना दिलचस्प होगा कि जनता किसे अपना नेता चुनती है और बाघमारा की नई राजनीति किस दिशा में आगे बढ़ती है।