Bhagalpur News: भागलपुर में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई, जहां एक गर्भवती महिला को अस्पताल से मात्र 100 मीटर की दूरी पर सड़क पर ही बच्चे को जन्म देना पड़ा। जाम और ई-रिक्शा चालक की गैरजिम्मेदाराना हरकत के कारण महिला को यह कष्ट सहना पड़ा। फिलहाल, मां और नवजात को अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
ई-रिक्शा चालक ने बीच रास्ते छोड़ा
मसदी पंचायत के राज गंगापुर की 25 वर्षीय महिला रविवार शाम अपनी सास के साथ ई-रिक्शा से रेफरल अस्पताल जा रही थी। रास्ते में सुलतानगंज थाना तक की अधूरी पड़ी सड़क पर जाम लग गया। इस बीच, अस्पताल से कुछ कदम पहले ही ई-रिक्शा चालक ने बैटरी खत्म होने का बहाना बनाया और उन्हें छोड़कर भाग गया।
45 मिनट तक सड़क पर प्रसव पीड़ा
ई-रिक्शा चालक के भागने के बाद महिला की सास मदद के लिए लोगों से गुहार लगाती रही, लेकिन कोई मदद के लिए आगे नहीं आया। प्रसव पीड़ा से जूझ रही महिला ने करीब 45 मिनट बाद सड़क पर ही बच्चे को जन्म दिया। घटना के बाद आसपास लोगों की भीड़ जुट गई, जिसमें कुछ महिलाओं ने घेरा बनाकर प्रसूता को संभाला।
‘ममता दीदी’ ने निभाई जिम्मेदारी
भीड़ में किसी ने रेफरल अस्पताल में काम करने वाली ममता दीदी (अर्चना) को जानकारी दी। उन्होंने मौके पर पहुंचकर स्थिति संभाली। ममता दीदी ने तुरंत मेडिकल स्टोर से ब्लेड और धागा मंगवाया और बच्चे का गर्भनाल अलग किया।
सड़क की खराब स्थिति और प्रशासन की अनदेखी
सुलतानगंज प्रखंड कार्यालय परिसर में स्थित रेफरल अस्पताल तक जाने वाली सड़क अधूरी बनी हुई है। पिछले छह महीने से यह स्थिति जस की तस बनी हुई है। इस सड़क पर अक्सर जाम लगता है, जिससे मरीजों और एंबुलेंस को भी परेशानी होती है। स्थानीय लोग कई बार सड़क निर्माण पूरा करने की मांग कर चुके हैं, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है।
यह घटना केवल प्रशासनिक लापरवाही का उदाहरण नहीं है, बल्कि मानवता पर भी सवाल खड़े करती है। सड़क निर्माण में देरी और जाम की समस्या ने न केवल मरीजों की जान को खतरे में डाला है, बल्कि ऐसी घटनाओं को आम बना दिया है। प्रशासन को जल्द से जल्द सड़क निर्माण पूरा कर समस्या का समाधान करना चाहिए, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचा जा सके।