Bharat Mata Dwar || भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जमाल सिद्दीकी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखकर इंडिया गेट का नाम बदलकर ‘भारत माता द्वार’ करने की मांग की है। उनका कहना है कि इस नाम परिवर्तन से देश के शहीदों को सच्ची श्रद्धांजलि अर्पित की जाएगी।
जमाल सिद्दीकी ने अपने पत्र में कहा, “आपने पहले भी कई महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं। आपने मुगलों के नाम पर बनी औरंगजेब रोड का नाम बदलकर डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम रोड किया। इसके अलावा, इंडिया गेट पर जॉर्ज पंचम की मूर्ति को हटाकर नेताजी सुभाष चंद्र बोस की मूर्ति लगाई और राजपथ का नाम कर्तव्य पथ किया। अब, उसी तरह इंडिया गेट का नाम बदलकर ‘भारत माता द्वार’ किया जाए।”
इंडिया गेट: एक ऐतिहासिक स्थल
इंडिया गेट, जो दिल्ली की शान है, एक प्रमुख युद्ध स्मारक है, जिसे भारतीय सैनिकों की शहादत को सम्मान देने के लिए बनाया गया था। यह स्मारक विशेष रूप से प्रथम विश्व युद्ध और अफगान युद्ध में शहीद हुए भारतीय सैनिकों की याद में स्थापित किया गया था। 1914-1921 के बीच इन युद्धों में 70,000 से ज्यादा भारतीय सैनिक शहीद हुए थे, जिनकी याद में इंडिया गेट पर 13,516 सैनिकों के नाम अंकित हैं, जिनमें ब्रिटिश भारत के सैनिक भी शामिल हैं।
इंडिया गेट की ऊंचाई 42 मीटर है और इसे ब्रिटिश आर्किटेक्ट सर एडविन लुटियंस द्वारा डिजाइन किया गया था। यह स्मारक लाल और हल्के पीले बलुआ पत्थरों से निर्मित है और 1931 में पूरा हुआ था।
अमर जवान ज्योति और नेशनल मेमोरियल
1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के बाद, इंडिया गेट पर ‘अमर जवान ज्योति’ को जोड़ा गया, जो एक अनंत जलती रहने वाली ज्योति है और गुमनाम सैनिकों की याद में जलती रहती है। इसके ऊपरी हिस्से में ‘INDIA’ लिखा है और नीचे शहीद सैनिकों के बलिदान का शिलालेख है।
इसके अलावा, 2019 में इंडिया गेट के पास सशस्त्र बलों के शहीदों के सम्मान में एक नया नेशनल मेमोरियल भी स्थापित किया गया था।
जमाल सिद्दीकी का मानना है कि अगर इंडिया गेट का नाम बदलकर ‘भारत माता द्वार’ किया जाता है, तो यह एक नई दिशा में एक और कदम होगा, जो भारतीय संस्कृति और शहीदों के सम्मान को और भी बढ़ावा देगा।