China Taiwan Conflict || इजराइल-हमास और रूस-यूक्रेन के बीच चल रहे संघर्षों के बीच अब चीन और ताइवान के बीच भी तनाव बढ़ता जा रहा है। ताइवान पर चीन की लगातार बढ़ती सैन्य गतिविधियां और राजनीतिक दबाव क्षेत्रीय स्थिरता को चुनौती दे रहे हैं। ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने हाल ही में जानकारी दी कि चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) और नौसेना (पीएलएएन) के जहाजों और विमानों ने बार-बार उनकी सीमा का उल्लंघन किया है। इन घटनाओं से दोनों देशों के बीच जंग जैसे हालात बनते नजर आ रहे हैं।
ताइवान पर चीन की हालिया गतिविधियां
ताइवान के रक्षा मंत्रालय (एमएनडी) ने सोमवार को बताया कि पीएलए के सात विमान और सात जहाज ताइवान की वायु और समुद्री सीमाओं में देखे गए।
- लगातार उल्लंघन: चीन के छह विमान ताइवान जलडमरूमध्य की मध्य रेखा पार कर दक्षिण-पश्चिमी और पूर्वी वायु रक्षा पहचान क्षेत्र (एडीआईजेड) में प्रवेश कर गए।
- तीन दिनों से लगातार तनाव: शनिवार और रविवार को भी चीन के जहाजों और विमानों ने ताइवान की सीमाओं का उल्लंघन किया।
- युद्धाभ्यास: चीन ने हाल ही में ताइवान के आसपास बड़े पैमाने पर सैन्य अभ्यास किया, जिसे ताइवान के लिए सीधी चेतावनी माना जा रहा है।
शी जिनपिंग का बयान और ताइवान पर दबाव
चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने नए साल पर अपने संबोधन में ताइवान को चीन के साथ मिलाने की प्रतिबद्धता दोहराई।
- धमकी भरा संदेश: शी जिनपिंग ने कहा कि ताइवान को चीन से अलग कोई नहीं कर सकता और चीन अपनी कोशिशें जारी रखेगा।
- परिवार का तर्क: उन्होंने ताइवान और चीन को एक परिवार करार दिया, यह कहते हुए कि दोनों के बीच संबंध तोड़े नहीं जा सकते।
- अंतरराष्ट्रीय दबाव: चीन लंबे समय से ताइवान को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अलग-थलग करने की कोशिश कर रहा है। इसके लिए वह कूटनीतिक, आर्थिक और सैन्य दबाव बना रहा है।
ताइवान की प्रतिक्रिया
ताइवान ने चीन के बढ़ते आक्रामक रवैये का कड़ा जवाब दिया है।
- सुरक्षा तैयारी: ताइवान ने रणनीतिक स्थानों पर सैन्य अभ्यास किया है और युद्ध की तैयारी के संकेत दिए हैं।
- अंतरराष्ट्रीय समर्थन की कोशिश: ताइवान ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से समर्थन मांगते हुए चीन की आक्रामक गतिविधियों को उजागर किया है।
- संदेश: ताइवानी रक्षा मंत्रालय ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर लिखा कि चीन की लगातार गतिविधियां क्षेत्रीय शांति के लिए खतरा हैं।
चीन-ताइवान विवाद का इतिहास
चीन और ताइवान के बीच संप्रभुता का मुद्दा दशकों पुराना है।
- चीन का दावा: चीन ताइवान को अपना हिस्सा मानता है और उसे चीन के साथ मिलाने की योजना पर काम कर रहा है।
- ताइवान का रुख: ताइवान खुद को एक स्वतंत्र राष्ट्र मानता है और अपनी संप्रभुता पर किसी भी तरह का समझौता नहीं करना चाहता।
- कूटनीतिक दबाव: चीन ने ताइवान को अंतरराष्ट्रीय मंचों से दूर रखने के लिए हरसंभव प्रयास किए हैं।
भविष्य के संकेत
चीन और ताइवान के बीच बढ़ता तनाव इस ओर इशारा करता है कि स्थिति कभी भी बिगड़ सकती है।
- क्षेत्रीय स्थिरता को खतरा: चीन की आक्रामक गतिविधियां और ताइवान की जवाबी तैयारी एशिया-प्रशांत क्षेत्र में शांति को चुनौती दे रही हैं।
- संभावित जंग: विशेषज्ञों का मानना है कि चीन ताइवान पर सैन्य कार्रवाई कर सकता है, जिसका व्यापक प्रभाव अंतरराष्ट्रीय संबंधों पर पड़ेगा।
- आर्थिक और राजनीतिक असर: इस संघर्ष का वैश्विक व्यापार और कूटनीति पर गहरा असर पड़ सकता है।
निष्कर्ष
चीन और ताइवान के बीच तनावपूर्ण हालात दुनिया के लिए एक गंभीर चुनौती हैं। चीन की बढ़ती सैन्य गतिविधियां और ताइवान की प्रतिरोधक रणनीति एक जटिल स्थिति को जन्म दे रही हैं। अंतरराष्ट्रीय समुदाय को इस स्थिति पर नजर रखते हुए शांति स्थापित करने के प्रयास तेज करने चाहिए, ताकि इस विवाद का हल बिना किसी संघर्ष के निकाला जा सके।
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