Cycle Yatra || तवांग से दिल्ली जंतर मंतर तक तिब्बत जागरूकता एकल साइ‌किल रैली

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Cycle Yatra || तिब्बत जागरूकता साइकिल रैली: तिब्बती संस्कृति और सीमाओं की रक्षा का संकल्प

Cycle Yatra || बुधवार को देहरादून निवासी जमयांग तेनज़िन अपनी पाँचवी तिब्बत जागरूकता एकल साइकिल रैली के अंतर्गत धनबाद के न्यू स्टेशन, चिल्ड्रन पार्क, पुराना बाजार, धनबाद के लहासा मार्केट पहुँचे। यह यात्रा तवांग में छठे दलाई लामा छाँयांग ज्ञाछो के जन्मस्थान से प्रारंभ होकर भारत की राजधानी दिल्ली के जंतर मंतर पर समाप्त होगी। यह रैली 27 सितंबर, 1987 को तिब्बत की राजधानी ल्हासा में तिब्बती युवाओं द्वारा किए गए ऐतिहासिक शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन की 37वीं वर्षगांठ के अवसर पर आयोजित की गई है। जमयांग का उद्देश्य इस रैली के माध्यम से तिब्बती मुद्दे और भारत के सीमावर्ती क्षेत्रों में तिब्बत के महत्त्व को उजागर करना है।

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तिब्बती पहचान और संस्कृति की सुरक्षा

जमयांग ने बताया कि इस यात्रा का एक अहम मकसद तिब्बत में चीनी शासन द्वारा तिब्बती पहचान, भाषा और संस्कृति को मिटाने के प्रयासों पर ध्यान आकर्षित करना है। उन्होंने कहा कि तिब्बत में शैक्षणिक संस्थानों को जबरन बंद कर वहां की मौलिक संस्कृति को समाप्त करने की कोशिश की जा रही है। इसके अलावा, चीन की विस्तारवादी नीतियों के तहत भारत-तिब्बत सीमा के आसपास के क्षेत्रों के नाम बदलने जैसे कृत्य भारत की सीमा सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा उत्पन्न करते हैं। रैली का एक प्रमुख उद्देश्य यह भी है कि युवा तिब्बती अपने राष्ट्र के उद्देश्य की सेवा को अडिग संकल्प और साहस के साथ निभाने के लिए प्रेरित हों।

चीन के विस्तारवादी इरादों का विरोध

जमयांग ने मीडिया को बताया कि इस रैली के मूल उद्देश्य चीन द्वारा तिब्बत पर किए गए अवैध कब्जे का शांतिपूर्ण विरोध करना है। वे तिब्बती लोगों को तिब्बत वापस लौटाने की मांग करते हैं और चीन की उन क्रूर नीतियों का विरोध करते हैं, जिनका लक्ष्य तिब्बती शिक्षा और संस्कृति को समाप्त करना है। भारत सरकार और आम नागरिकों से भी यह आग्रह किया गया है कि वे तिब्बती मुद्दे की गम्भीरता को समझें और तिब्बत के न्यायोचित उद्देश्य का समर्थन करें।

यात्रा के पिछले पड़ाव

जमयांग ने जानकारी दी कि उनकी पिछली चार साइकिल यात्राओं में धर्मशाला से बोधगया (3000 किलोमीटर), बाइलाकुप्पे (कर्नाटक) से देकीलिंग (देहरादून) (3000 किलोमीटर), देकीलिंग से दिल्ली (250 किलोमीटर), और लद्दाख के खारदुंग ला से धर्मशाला (800 किलोमीटर) शामिल हैं।

विदाई समारोह

धनबाद में लहासा मार्केट में जमयांग को तिब्बती रिफ्यूजी समुदाय ने गर्मजोशी से विदा किया। लहासा मार्केट के अध्यक्ष लोदेन शेरिंग और पार्क मार्केट ग्राउंड, हीरापुर में 12 नवंबर को खुलने वाले लहासा मार्केट के अध्यक्ष लोबसांग वांगचुक के नेतृत्व में अन्य तिब्बती नागरिकों ने नारे लगाए और जमयांग को उनकी यात्रा के लिए शुभकामनाएं दीं।