Dhanbad News || आज दिनांक 25 दिसंबर को भारत के महान नेता और पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और महान शिक्षाविद् व स्वतंत्रता सेनानी मदन मोहन मालवीय जी की जयंती पूरे देश में श्रद्धा और उत्साह के साथ मनाई गई। इस अवसर पर विभिन्न स्थानों पर कार्यक्रमों का आयोजन किया गया, जिसमें उनके व्यक्तित्व, कृतित्व और देश के प्रति योगदान को याद किया गया।
कार्यक्रम का विवरण
स्थानीय सामुदायिक केंद्र में आयोजित इस कार्यक्रम में समाज के विभिन्न वर्गों के लोग उपस्थित हुए। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में शैलेंद्र द्विवेदी और रविंद्र प्रसाद ने भाग लिया। इनके साथ समाज के अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने भी कार्यक्रम की गरिमा बढ़ाई।
अटल बिहारी वाजपेयी जी को श्रद्धांजलि
कार्यक्रम की शुरुआत अटल बिहारी वाजपेयी जी की तस्वीर पर माल्यार्पण और पुष्पांजलि अर्पित कर की गई। वक्ताओं ने उनके व्यक्तित्व और कार्यशैली पर प्रकाश डालते हुए कहा:
अटल जी न केवल एक कुशल राजनीतिज्ञ थे, बल्कि एक महान कवि, लेखक और दूरदर्शी नेता भी थे।
उन्होंने भारत को आर्थिक और सैन्य रूप से सशक्त बनाने के लिए कई क्रांतिकारी कदम उठाए, जिनमें पोखरण परमाणु परीक्षण और प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना प्रमुख हैं।
उनकी कविताओं में राष्ट्रभक्ति और मानवता की झलक मिलती है, जो आज भी प्रेरणा का स्रोत हैं।
मदन मोहन मालवीय जी की स्मृतियां
इसके बाद मदन मोहन मालवीय जी को श्रद्धांजलि दी गई। वक्ताओं ने उनके जीवन पर चर्चा करते हुए बताया:
मालवीय जी एक महान शिक्षाविद् और भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के प्रमुख नेता थे।
उन्होंने काशी हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) की स्थापना की, जो आज भी शिक्षा के क्षेत्र में भारत का गौरव है।
उनकी निष्ठा और समाज सुधार के प्रयासों ने भारतीय समाज में नई ऊर्जा का संचार किया।
प्रमुख वक्तव्य
शैलेंद्र द्विवेदी ने कहा, “आज हमें इन दोनों महान विभूतियों के जीवन से प्रेरणा लेकर अपने देश के विकास और समाज की भलाई के लिए काम करना चाहिए।”
रविंद्र प्रसाद ने अपने संबोधन में कहा, “अटल जी और मालवीय जी के आदर्श हमें यह सिखाते हैं कि समर्पण और कड़ी मेहनत से हर लक्ष्य प्राप्त किया जा सकता है।”
सांस्कृतिक कार्यक्रम और संकल्प
कार्यक्रम के दौरान बच्चों और युवाओं द्वारा देशभक्ति गीत और कविताओं का प्रस्तुतिकरण किया गया। अंत में उपस्थित सभी लोगों ने देश और समाज की सेवा के लिए उनके आदर्शों का पालन करने का संकल्प लिया।
समापन
कार्यक्रम का समापन सभी के लिए धन्यवाद ज्ञापन और राष्ट्रगान के साथ हुआ। इस आयोजन ने उपस्थित लोगों को इन महान विभूतियों के आदर्शों के प्रति प्रतिबद्ध रहने और समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाने की प्रेरणा दी।
ओम शांति।