Dhanbad News: हरिहरपुर राजा तालाब जीर्णोद्धार कार्य के चलते जलसंकट से जूझ रहे ग्रामीण, ठेकेदार पर जताया आक्रोश

हरिहरपुर राजा तालाब जीर्णोद्धार कार्य के चलते जलसंकट से जूझ रहे ग्रामीण

काल्पनिक फोटो

Dhanbad News: ग्रामीणों ने जल संकट के बीच ठेकेदार की कार्यशैली पर उठाए सवाल

Dhanbad News: राजा तालाब हरिहरपुर के बहुप्रतीक्षित जीर्णोद्धार कार्य की शुरुआत ने स्थानीय लोगों के बीच एक नई समस्या को जन्म दे दिया है। Water Crisis से जूझ रहे हरिहरपुर और कोरकोट्टा पंचायत के हजारों ग्रामीणों ने सोमवार को तालाब की स्थिति को लेकर गहरा आक्रोश जताया और ठेकेदार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया।

Telegram Group Join Now
Instagram Group Join Now
WhatsApp Channel Join WhatsApp

ग्रामीणों ने बताया कि राजा तालाब का जीर्णोद्धार कार्य लघु सिंचाई विभाग के माध्यम से कराया जा रहा है, जिसका शिलान्यास 17 दिसंबर 2024 को हुआ था। तालाब में पहले करीब दस फीट पानी मौजूद था, लेकिन ठेकेदार ने 6 फरवरी 2025 को सारा पानी बहा दिया, जिससे अब मात्र पांच प्रतिशत कार्य ही पूरा हुआ है।

जल संकट से परेशान ग्रामीणों का फूटा गुस्सा

ग्रामीणों ने बताया कि राजा तालाब का पानी हरिहरपुर और कोरकोट्टा पंचायत के निवासियों के लिए जीवन रेखा था। पानी बहा दिए जाने के बाद अब आस-पास के इलाकों में भीषण जल संकट उत्पन्न हो गया है। इस जलसंकट के चलते इस वर्ष क्षेत्र में चड़क पूजा जैसी पारंपरिक धार्मिक गतिविधियां भी नहीं हो सकीं, जिससे ग्रामीणों की नाराजगी और भी बढ़ गई है।

पोकलेन मशीन से मिट्टी कटाई का भी हुआ विरोध

ग्रामीणों ने ठेकेदार द्वारा पोकलेन मशीन से मिट्टी कटाई करने पर भी आपत्ति जताई। उनका कहना है कि मशीन के अंधाधुंध इस्तेमाल से तालाब का प्राकृतिक स्वरूप नष्ट हो रहा है और पारंपरिक जल स्रोतों पर संकट गहराता जा रहा है। ग्रामीणों की मांग है कि तालाब के कार्य को पारंपरिक और वैज्ञानिक तरीके से पूरा किया जाए ताकि आने वाले समय में जल संकट जैसी स्थिति दोबारा उत्पन्न न हो।

राजा तालाब के जीर्णोद्धार के इस घटनाक्रम ने साफ कर दिया है कि विकास कार्यों में स्थानीय परिस्थितियों और जनता की जरूरतों को नजरअंदाज करना बड़े संकट को जन्म दे सकता है। अब देखना यह होगा कि प्रशासन ग्रामीणों की आवाज को कितनी गंभीरता से सुनता है और जल्द समाधान के लिए क्या कदम उठाता है।