Dhanbad News: प्रभु यीशु द्वारा दिए गए सेवा भाव के संदेश को पुनः जीवंत करता है पुण्य गुरुवार
Dhanbad News: गुरुवार को धनबाद स्थित संत एंथोनी चर्च में Holy Thursday Celebration in Church के अंतर्गत पुण्य गुरुवार को श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाया गया। इसे “अंतिम ब्यारी” के नाम से भी जाना जाता है। इस अवसर पर चर्च के फादर अमातुस कुजूर ने प्रभु यीशु की परंपरा का पालन करते हुए 12 चुने हुए शिष्यों के पैर धोए और प्रेम, सेवा और विनम्रता का संदेश दिया।
प्रभु यीशु के जीवन से मिली सेवा और समर्पण की प्रेरणा
फादर अमातुस कुजूर ने प्रार्थना सभा को संबोधित करते हुए कहा कि प्रभु यीशु ने अपने 12 शिष्यों के पैर धोकर सेवा और विनम्रता की मिसाल कायम की थी। उन्होंने अपने अनुयायियों को सिखाया कि यदि मैं प्रभु और गुरु होकर तुम्हारे पैर धोता हूं, तो तुम्हें भी दूसरों की सेवा करने से पीछे नहीं हटना चाहिए। यह प्रेम का सबसे बड़ा प्रमाण है और हमें अपने जीवन में इसे अपनाना चाहिए।
चुने गए शिष्यों के पैर धोकर दी गई ऐतिहासिक परंपरा को नई पीढ़ी तक पहुंचाने की प्रेरणा
इस विशेष आयोजन में जिन 12 लोगों के पैर फादर ने धोए, उनमें रिचर्ड टोप्पो, भाग्य प्रसाद, संजय सोरेन, अनूप दत्ता, सुधीर बाखला, इमिल प्रकाश टोप्पो, एलबिनुस एक्का, विवेकानंद मिंज, देवनिश खलखो, रॉबर्ट गार्डनर, डेरिस फर्नांडिस और सीजे एंथोनी शामिल थे। यह परंपरा न केवल प्रभु यीशु की याद दिलाती है, बल्कि यह भी सिखाती है कि समाज में एक-दूसरे की सेवा करना सबसे बड़ी पूजा है।
श्रद्धालुओं की बड़ी संख्या में रही उपस्थिति
इस आयोजन में क्षेत्र के अनेक मसीही भाई-बहनों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया और पुण्य गुरुवार के महत्व को आत्मसात किया। प्रार्थना सभा के माध्यम से ईश्वर के प्रति भक्ति और सेवा की भावना को पुनः सशक्त किया गया।
आने वाले पर्वों की तैयारी भी जोरों पर
फादर ने जानकारी दी कि शुक्रवार को संत एंथोनी चर्च और संत मैरी चर्च में गुड फ्राइडे मनाया जाएगा, जहां शाम 4 बजे क्रूस का रास्ता कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। इस दिन प्रभु यीशु को क्रूस पर चढ़ाया गया था। वहीं रविवार को ईस्टर संडे मनाया जाएगा, जो यीशु के पुनर्जीवित होने का पर्व है।
आयोजन में सभी का रहा सराहनीय योगदान
इस कार्यक्रम को सफल बनाने में शिशिर प्रभात तिर्की, एतवा टूटी, प्रवीण लोंमगा, जॉन कैम्प, अनूप दत्ता, हरमन बिल और अन्य सेवकों का विशेष योगदान रहा, जिन्होंने आयोजन को भव्य और अनुशासित रूप से संपन्न किया।