Dhanbad News: सदर अस्पताल में एनेस्थेटिस्ट डॉक्टर की गंभीर कमी, मरीजों को हो रही परेशानी

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Dhanbad News: सदर अस्पताल धनबाद में डॉक्टरों की कमी के कारण स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित

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Dhanbad News: सदर अस्पताल, जो कि जिले का प्रमुख सरकारी अस्पताल है, इन दिनों गंभीर संकट का सामना कर रहा है। अस्पताल में एनेस्थेटिस्ट डॉक्टरों की कमी के कारण मरीजों को बड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। वर्तमान में, सदर अस्पताल में सिर्फ एक ही एनेस्थेटिस्ट डॉक्टर, डॉ. राजकुमार सिंह, कार्यरत हैं। इस गंभीर स्थिति का कारण अस्पताल के दो एनेस्थेटिस्ट डॉक्टरों का तबादला होना है।

तबादले से उत्पन्न संकट

सूत्रों के अनुसार, डॉ. विनीत का तबादला सदर अस्पताल पाकुड़ कर दिया गया है, जबकि डॉ. संतोष कुमार का तबादला साहेबगंज किया गया है। इन दोनों डॉक्टरों के तबादले के बाद से अस्पताल में एनेस्थेटिस्ट डॉक्टरों की संख्या में भारी गिरावट आई है, जिससे ऑपरेशन की प्रक्रिया में भी रुकावट आ रही है। अब सिर्फ एक एनेस्थेटिस्ट डॉक्टर, डॉ. राजकुमार सिंह, दिन में सेवा दे रहे हैं, जो कि ऑपरेशन के दौरान मरीजों को एनेस्थीसिया देने का काम करते हैं।

ऑपरेशन में हो रही देरी और मरीजों की समस्याएं

एनेस्थेटिस्ट डॉक्टरों की कमी के कारण, अस्पताल में ऑपरेशन टाले जा रहे हैं। सिर्फ गंभीर मरीजों का ही ऑपरेशन किया जा रहा है, जबकि अन्य मरीजों को ऑपरेशन के लिए लंबा इंतजार करना पड़ रहा है। ऑपरेशन के दौरान एनेस्थेटिस्ट डॉक्टर की अहम भूमिका होती है, क्योंकि ऑपरेशन से पहले मरीजों को एनेस्थीसिया दिया जाता है, और ऑपरेशन के दौरान एनेस्थेटिस्ट का उपस्थित होना बेहद आवश्यक है।

गायनी विभाग में भर्ती महिलाओं को हो रही दिक्कतें

सदर अस्पताल के गायनी विभाग में हमेशा मरीजों की संख्या अधिक रहती है। एनेस्थेटिस्ट डॉक्टर की कमी के कारण, गायनी विभाग में भर्ती महिलाओं को प्रसव पीड़ा होने पर अगर ऑपरेशन की जरूरत पड़ रही है, तो उन्हें एसएनएमएमसीएच (सिंहभूमि मेडिकल कॉलेज और अस्पताल) रेफर किया जा रहा है। इससे मरीजों और उनके परिजनों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है, क्योंकि उन्हें एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल तक की लंबी यात्रा करनी पड़ रही है।

स्वास्थ्य सेवाओं पर असर

सदर अस्पताल में एनेस्थेटिस्ट डॉक्टरों की कमी से न केवल ऑपरेशन में देरी हो रही है, बल्कि अस्पताल की समग्र स्वास्थ्य सेवाएं भी प्रभावित हो रही हैं। इस स्थिति से न केवल मरीजों को बल्कि अस्पताल प्रशासन को भी कई तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।

निष्कर्ष

यह स्थिति स्पष्ट करती है कि अस्पताल में डॉक्टरों की नियुक्ति और तबादले की प्रक्रिया में सुधार की आवश्यकता है। यदि जल्दी ही इस कमी को दूर नहीं किया गया तो मरीजों को और भी अधिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है। राज्य सरकार और स्वास्थ्य विभाग को इस दिशा में ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है ताकि जिले के नागरिकों को सही समय पर और पूरी तरह से चिकित्सा सेवाएं मिल सकें।