Dhanbad News: “शिल्पे अनन्या” त्रैमासिक बंगला पत्रिका द्वारा तीन दिवसीय लघु पत्रिका मेला सह सम्मेलन का समापन

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Dhanbad News: हीरापुर, धनबाद स्थित लिंडसे क्लब में “शिल्पे अनन्या” त्रैमासिक बंगला पत्रिका द्वारा आयोजित तीन दिवसीय चतुर्थ लघु पत्रिका मेला सह सम्मेलन का आज भव्य समापन हुआ। इस अंतिम दिन का शुभारंभ डेफोडिल विद्यालय, केंदुआ के छात्र-छात्राओं एवं शिक्षकों द्वारा प्रस्तुत “महिषासुर मर्दिनी” पर नृत्य-नाटिका से हुआ। इस सांस्कृतिक प्रस्तुति ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।

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बाल प्रतिभाओं का सम्मान

कार्यक्रम के दौरान आयोजन समिति के अध्यक्ष प्रो. डॉ. डी. के. सेन, सचिव डॉ. काशी नाथ चटर्जी एवं अन्य सदस्यों ने 39 बच्चों को मेडल प्रदान कर सम्मानित किया। यह सम्मान उनकी उत्कृष्ट प्रस्तुति एवं प्रतिभा को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से दिया गया।

भाषाओं के विकास पर परिचर्चा

इसके पश्चात “भाषाओं का विकास आपसी सहयोग एवं समन्वय से संभव है” विषय पर एक महत्वपूर्ण परिचर्चा का आयोजन हुआ, जिसका संचालन डॉ. काशी नाथ चटर्जी ने किया। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में समाज को विभाजित करने के लिए विभिन्न हथियारों का प्रयोग किया जा रहा है। ऐसे में भाषाओं के आपसी सहयोग एवं संवाद की आवश्यकता है।

मुख्य वक्ताओं के विचार

  1. प्रख्यात हिंदी लेखक रणेंद्र जी – उन्होंने भारतीय भाषाओं का इतिहास बताते हुए कहा कि सभी भाषाओं में एक अंतःसंबंध होता है, जो भारत की एकता को मजबूत करता है।
  2. सुशील महतो (पुरुलिया, पश्चिम बंगाल) – उन्होंने मातृभाषा के अधिकार और उच्च शिक्षा में मातृभाषा को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर जोर दिया।
  3. प्रो. दिनेश दिनमणि (खोरठा विभाग) – उन्होंने बताया कि झारखंड में 170 भाषाएँ प्रचलित हैं, जिनमें से 16 बोलचाल में प्रयुक्त होती हैं और 9 को आधिकारिक मान्यता प्राप्त है।
  4. डॉ. दयामय राय – उन्होंने क्षेत्रीय भाषाओं में साहित्यिक चर्चा की अनिवार्यता पर बल दिया और सुप्रसिद्ध लेखक स्व. अजीत राय के प्रयासों की सराहना की।
  5. अन्य वक्ताव्रतीन देवधरिया, नारायण जी (पत्रकार), प्रो. तन्मय वीर, श्रींजय जी एवं प्रो. ए. आई. खान ने भी अपने विचार रखे।

“प्रो. अर्चना सिन्हा स्मृति सम्मान 2025” का आयोजन

दूसरे सत्र में “प्रो. अर्चना सिन्हा स्मृति सम्मान 2025” समारोह का आयोजन हुआ, जिसका संचालन डॉ. काशी नाथ चटर्जी ने किया। यह सम्मान समाज में उत्कृष्ट कार्य करने वाले व्यक्तियों को प्रदान किया जाता है। प्रो. अर्चना सिन्हा, आर. एस. मोड़ कॉलेज, गोविंदपुर (धनबाद) में दर्शनशास्त्र विभाग की अध्यक्ष थीं, जिनका निधन 7 अक्टूबर 2020 को कोविड के दौरान हुआ था।

सम्मानित व्यक्तित्व

इस वर्ष 7 विशिष्ट व्यक्तियों को यह सम्मान प्रदान किया गया:

  1. डॉ. सुनील सिन्हा – स्वास्थ्य सेवा में योगदान के लिए
  2. प्रो. राहुल देव मंडल व प्रो. अनसूया – भरतनाट्यम कला के क्षेत्र में
  3. भोला नाथ राम – शिक्षा और सामाजिक कार्यों में योगदान के लिए
  4. विकास कुमार ठाकुर – सामाजिक कार्यों में विशिष्ट भूमिका के लिए
  5. तनुश्री गोराई – लेखन के क्षेत्र में योगदान के लिए
  6. रीना भौमिक – साहित्य के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य के लिए
  7. प्रदीप अधिकारी – लेखन के क्षेत्र में योगदान के लिए

समापन समारोह एवं आयोजकों का योगदान

कविता पाठ और सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के बाद तीन दिवसीय लघु पत्रिका मेला सह सम्मेलन का समापन किया गया। इस सफल आयोजन के लिए निम्नलिखित सदस्यों का महत्वपूर्ण योगदान रहा:

  • परेश नाथ बनर्जी, विश्वजीत गुप्ता, पार्थोसेन गुप्ता, रवि सिंह, भोला नाथ राम, विकास कुमार ठाकुर, हेमंत कुमार जायसवाल, रानी मिश्रा, शर्मिष्ठा सरकार, मधेश्वर नाथ भगत, रजनीकांत मिश्रा, मनोज मजूमदार, लीलामय गोस्वामी, सपन माजी, गायत्री आचार्य, रतन सिन्हा, अभिनाश सिन्हा, बरनाली गुप्ता, मोमैत्री दासगुप्ता, मैत्री गुप्ता, विकास गुप्ता, भोला नाथ सिंह, शमीम, लालमोहन आदि।

उपसंहार

“शिल्पे अनन्या” द्वारा आयोजित यह लघु पत्रिका मेला न केवल साहित्यिक एवं भाषाई संवाद का मंच बना, बल्कि भाषाओं के विकास, सामाजिक सरोकार और सांस्कृतिक समन्वय को भी बढ़ावा दिया। इस प्रकार के आयोजन भविष्य में भी भारतीय भाषाओं और साहित्य के उत्थान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते रहेंगे।