DHANBAD : टेलीफोन एक्सचेंज रोड मे भागवत कथा का दूसरा दिन जीवन का सबसे बड़ा पाप कथा छूटना है.. मनुष्य कथा अपने कल्याण के लिए सुनता है…

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धनबाद: भगवान श्री राम जी के मंदिर के भव्य उद्घाटन और रामलला के प्राण-प्रतिष्ठा कार्यक्रम के अवसर पर मॉर्निंग वॉक योगा ग्रुप द्वारा आयोजित, श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान गंगा यज्ञ कि बुधवार द्वितीय दिवस पर सुरेंद्र हरिदास महाराज के पावन सानिध्य में स्थान – बैंक मोडं धनबाद टेलीफोन एक्सचेंज रोड धनबाद में 16 से 24 जनवरी 2024 तक श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन किया जा रहा है। श्रीमद् भागवत कथा के प्रथम दिवस की शुरुआत विश्व शांति के लिए प्रार्थना के साथ की गई। जिसके बाद महाराज ने भक्तों को मै तो जपूं सदा तेरा नाम दयालु दया करो भजन का श्रवण कराया। जीवन का सब से बड़ा पाप कथा छूटना है। जिस मनुष्य में अहंकार आ जाता है भगवान उस मनुष्य से अपनी कथा छीन लेते हैं। मनुष्य जीवन भगवान को पाने के लिए मिला है। मनुष्य का दुर्भाय यह है कि मनुष्य अपने लिए अच्छा चाहता है लेकिन दूसरों का भला नहीं चाहता है। भगवान की बनायी गयी सृष्टि में सब के लिए नियम बनाये गए हैं। 84 लाख योनियों में सब को खाना मिलता है लेकिन मनुष्य को एक विशेष अधिकार मिला है जो है भगवान को पाना। आज का मनुष्य अपने मन को प्रसन्न करने का प्रयास करता है लेकिन अपनी मुक्ति के लिए कोई कार्य नहीं करते हैं और यह कार्य मनुष्य से पाप कराता है ताकि वह अपनी मुक्ति के लिए कुछ न कर सके। मनुष्य को उसका पाप ही भगवान और भगवान की कथा व भगवान से दूर रखता है। मनुष्य कथा अपने कल्याण के लिए सुनता है और हमारे संत कहते हैं कि सौ काम छोड़कर भोजन करना चाहिए हजार काम छोड़कर भजन करने चाहिए और दुनिया के सारे काम छोड़कर भागवत कथा सुननी चाहिए।सच्ची निष्ठा के साथ जब मनुष्य तीर्थ करता है तब उस मनुष्य के पूर्व जन्म के किये हुए पाप वहीं पर नष्ट हो जाते हैं और जहाँ श्रीमद् भागवत कथा का पंडाल एवं कथा का पाठ लगा होता है वह सारे तीर्थ के सामान होता है। जो मनुष्य तीर्थ करने में असमर्थ होता है तो उस मनुष्य को श्रीमद् भागवत कथा का श्रवण करना चाहिए। भगवान कहते हैं कि जो मनुष्य श्रीमद् भागवत कथा का श्रवण करता है उसे यश और धर्म की प्राप्ति होता है और उसके सभी पापों का नाश हो जाता है एवं परलोक में उस मनुष्य को मुक्ति प्राप्त होती है। जिस मनुष्य ने इस लोक में भागवत कथा का श्रवण कर लिया उस मनुष्य का कल्याण हो जाता है और जो मनुष्य कथा का श्रवण नहीं करता वह व्यक्ति नर्क का भोगी होता है।इस कथा को सफल बनाने में प्रमुख रूप से सफल बनाने मे ददन सिंह, संजय सिंह, प्रभात सुरोलिया, सतीश कुमार सिंह, सी पी सिंह, हीरा सिंह, भावेश मिश्रा, वीरेंदर सिंह, महेश सुलतानिया, मोहन अग्रवाल,पवन अग्रवाल, कृष्णा सुलतानिया, दिलीप साव, दीपक तिवारी, श्रवण कुमार, प्रदीप पांडे, धर्मेंदर पांडे, अशोक सिंह ,रणजीत पांडे अप्पू सिंह, राजेश झा, मुन्ना बरनवॉल, सुनील राय, सक्रिय रहे। कार्यक्रम को सफल बनाने मे ददन सिंह, संजय सिंह , सतेंदर मंडल, अशोक सिंह, पावन अगरवाल , प्रभात सुरोलिया, सतीश कुमार सिंह, सी पी सिंह, हीरा सिंह, भावेश मिश्रा, वीरेंदर सिंह, महेश सुलतानिया, कृष्णा सुलतानिया, दिलीप साव, दीपक तिवारी, श्रवण कुमार, प्रदीप पांडे, धर्मेंदर पांडे ,रणजीत पांडे अप्पू सिंह, राजेश झा, मुन्ना बरनवॉल, सुनील राय, सक्रिय रहे।

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