Dyslexia Awareness Week || समावेशी शिक्षा के झरिया रिसोर्स सेंटर के तत्वाधान में बोर्ड उर्दू मध्य विद्यालय झरिया में डिस्लेक्सिया सप्ताह के अंतिम दिन जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया । जिसमें बच्चों को अधिगम क्षमता एवं विकास पर विस्तृत जानकारी दी गई। 10अक्टूबर क से शुरू की गई थी ऑनलाइन सेमिनार, एवं जगह-जगह जागरूकता विश्लेषण अभियान भी चलाया गया।
रिसोर्स शिक्षक अखलाक अहमद ने कहा की डिस्लेक्सिया में पढ़ने लिखने एवं अंकों को जोड़ने में बच्चों को परेशानी होती है । यदि शब्द या अक्षरों को उल्टा लिखते हों , 6 एवं 9 में अंतर नहीं समझ पाता हो तो उसे हम डिस्लेक्सिया के श्रेणी में लाते हैं । अखलाक अहमद ने कहा की यदि शुरुआत से ही बच्चों का पहचान किया जाए और उसे स्पेशल एजुकेशन से जोड़ा जाए तो डिस्लेक्सिया से निजात पाया जा सकता है। उन्होंने कहा की अभिभावक एवं शिक्षक अपने बच्चों का कॉपी की जांच करें देखें की बच्चा दिखने में क्या त्रुटि किया है । ताकि बच्चों का समय पर पहचान किया जा सके।
फिजियोथैरेपिस्ट डॉ मनोज सिंह ने कहा डिस्प्लेशिया कोई गंभीर रोग नहीं या आम जनों में पाई जाने वाली डिस्लेक्सिया के लक्षण डिस्लेक्सिया से पीड़ित बच्चों को अक्सर ध्वनियों के मिश्रण, शब्दों की तुकबंदी, शब्दों में ध्वनियों की स्थिति की पहचान करने, शब्दों को ध्वनियों में विभाजित करने और शब्दों में ध्वनियों की संख्या की पहचान करने में कठिनाई होती है। ऑनलाइन सेमिनार को रिसोर्स शिक्षक अवनीश त्रिपाठी ने धनबाद जिला के शिक्षकों को विश्लेषण के बारे में विस्तार रूप से जागरूक किया और बच्चों में आने वाली परेशानियों का समाधान इन्होंने बताया।