Fuel Price Hike Criticized by CPI(M) | केंद्र सरकार की नीतियों से आमजन पर बढ़ा आर्थिक बोझ, कम्युनिस्ट पार्टी ने जताई चिंता
Fuel Price Hike Criticized by CPI(M) | भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) ने गैस सिलेंडर और ईंधन की कीमतों में भारी वृद्धि को लेकर केंद्र सरकार की तीव्र आलोचना की है। पार्टी के धनबाद जिला सचिव मंडल के सदस्य और सिंदरी-बलियापुर लोकल कमेटी के सचिव ने कहा कि यह निर्णय आम जनता पर जबरदस्त आर्थिक बोझ डालने वाला है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने सामान्य और सब्सिडी वाले दोनों प्रकार के गैस सिलेंडरों की कीमतों में ₹50 की बढ़ोतरी की घोषणा की है, जिससे देशवासियों पर लगभग ₹7,000 करोड़ का अतिरिक्त भार पड़ेगा।
गैस और ईंधन की महंगाई से बढ़ेगी आम जनता की परेशानियां
पार्टी प्रतिनिधियों का कहना है कि पहले से ही महंगाई से जूझ रही जनता के लिए यह बढ़ोतरी एक और बड़ा झटका है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तेल और गैस की कीमतों में गिरावट के बावजूद केंद्र सरकार इसका लाभ जनता तक नहीं पहुंचा रही है, बल्कि अतिरिक्त टैक्स और शुल्क लगाकर उन्हें और अधिक परेशान किया जा रहा है।
विशेष उत्पाद शुल्क में भारी इजाफा, संघीय ढांचे पर सवाल
पार्टी ने यह भी आरोप लगाया कि सरकार ने पेट्रोल और डीजल पर विशेष उत्पाद शुल्क बढ़ाकर ₹32,000 करोड़ कर दिया है। यह न केवल राज्यों के राजस्व पर प्रतिकूल प्रभाव डालता है, बल्कि संघीय ढांचे के मूल सिद्धांतों का भी उल्लंघन है। पार्टी नेताओं का कहना है कि विशेष उत्पाद शुल्क के माध्यम से केंद्र सरकार सारा राजस्व अपने पास समेटने का प्रयास कर रही है, जो राज्यों के अधिकारों का हनन है।
जनता पर बोझ डालने की नीति बंद करे सरकार: माकपा
सीपीआई(एम) ने केंद्र सरकार से मांग की है कि वह जनविरोधी नीतियों पर तत्काल रोक लगाए और तेल-गैस के दामों को तर्कसंगत बनाते हुए आम लोगों को राहत दे। पार्टी ने जनता से अपील की है कि वे इस मूल्यवृद्धि के खिलाफ आवाज उठाएं और सरकार पर जनहित में फैसले लेने का दबाव बनाएं।