Hurriyat Conference Breakaway: गृह मंत्री अमित शाह बोले – यह भारत के संविधान में विश्वास और एकजुट भारत की जीत है
Hurriyat Conference Breakaway: जम्मू-कश्मीर में अलगाववाद के खिलाफ एक महत्वपूर्ण मोड़ पर मंगलवार को Hurriyat Conference Breakaway की दिशा में तीन और संगठनों ने बड़ा फैसला लिया। इन संगठनों ने हुर्रियत कॉन्फ्रेंस से अपना नाता तोड़ते हुए भारत के संविधान में आस्था जताई। यह जानकारी केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोशल मीडिया के माध्यम से साझा की और इसे एकजुट भारत की दिशा में ऐतिहासिक कदम बताया।
तीन संगठनों ने किया अलगाववाद से किनारा
गृह मंत्री शाह ने बताया कि जम्मू-कश्मीर इस्लामिक पॉलिटिकल पार्टी, जम्मू-कश्मीर मुस्लिम डेमोक्रेटिक लीग और कश्मीर फ्रीडम फ्रंट जैसे तीन प्रमुख संगठनों ने हुर्रियत से खुद को अलग कर लिया है। उन्होंने कहा कि यह कदम इस बात का प्रमाण है कि घाटी के लोग अब भारत के संविधान और लोकतांत्रिक व्यवस्था पर विश्वास जता रहे हैं। अमित शाह के अनुसार, अब तक कुल 11 संगठन हुर्रियत से नाता तोड़कर मुख्यधारा से जुड़ चुके हैं।
मोदी सरकार के प्रयासों को बताया सफलता की वजह
अमित शाह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नीतियों और नेतृत्व की सराहना करते हुए कहा कि “मोदीजी का एकजुट और शक्तिशाली भारत का सपना आज और अधिक सशक्त हो गया है।” उन्होंने आगे लिखा कि इन संगठनों की मुख्यधारा में वापसी, सरकार की आतंकवाद के खिलाफ कठोर नीति और विकास आधारित रणनीति का परिणाम है।
पहले भी दो संगठन तोड़ चुके हैं नाता
इससे पहले हुर्रियत कॉन्फ्रेंस से जम्मू और कश्मीर पीपुल्स मूवमेंट (JKPM) और डेमोक्रेटिक पॉलिटिकल मूवमेंट जैसे दो अन्य संगठनों ने भी सभी संबंध खत्म करने की घोषणा की थी। इससे जम्मू-कश्मीर में राजनीतिक परिदृश्य में एक बड़ा बदलाव देखने को मिला है।
अमित शाह ने किया शहीद डीएसपी के परिवार से मुलाकात
इन दिनों गृह मंत्री अमित शाह जम्मू-कश्मीर के दौरे पर हैं। अपने दौरे के दौरान उन्होंने 2023 में कोकरनाग में आतंकियों से लोहा लेते हुए शहीद हुए डीएसपी हुमायूं मुजम्मिल भट के परिवार से मुलाकात की। शाह ने शहीद की वीरता और बलिदान को याद करते हुए कहा कि डीएसपी भट ने देशभक्ति की अमर मिसाल कायम की है। उन्होंने इस मुलाकात की तस्वीर भी सोशल मीडिया पर साझा की और शहीद परिवार के प्रति अपनी संवेदनाएं व्यक्त कीं।
बदलते कश्मीर की नई तस्वीर
Hurriyat Conference Breakaway की यह प्रक्रिया जम्मू-कश्मीर की बदलती हुई सोच और भारत के संविधान में बढ़ते विश्वास को दर्शाती है। घाटी में अलगाववाद से जुड़ी विचारधारा को पीछे छोड़कर मुख्यधारा की ओर लौटना, केंद्र सरकार की नीति और सुरक्षा रणनीति की सफलता का प्रमाण बनता जा रहा है। अब देश को उम्मीद है कि इस नई सोच से जम्मू-कश्मीर में स्थायी शांति और विकास की राह और मजबूत होगी।
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