Indian Air Force Trainer Aircraft Deal: एयरफोर्स को सितंबर से मिलने लगेंगे स्वदेशी ट्रेनर एयरक्राफ्ट, लीज विकल्प पर भी विचार
Indian Air Force Trainer Aircraft Deal: भारतीय वायुसेना (IAF) में फाइटर एयरक्राफ्ट की कमी के साथ-साथ अब तक एक अहम चुनौती रही है – Trainer Aircraft की कमी। इसी आवश्यकता को पूरा करने के लिए हाल ही में केंद्र सरकार ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। Indian Air Force Trainer Aircraft Deal के तहत हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) के साथ 70 HTT-40 स्वदेशी ट्रेनर एयरक्राफ्ट खरीदने की डील साइन की गई है, जिनकी डिलीवरी इस साल सितंबर से शुरू होने की संभावना है।
HAL से 70 HTT-40 एयरक्राफ्ट की खरीद
रक्षा मंत्रालय ने संसदीय समिति को जानकारी दी है कि वायुसेना को ट्रेनिंग के लिए बेसिक, इंटरमीडिएट और एडवांस्ड तीनों तरह के ट्रेनर एयरक्राफ्ट की जरूरत है। इसके लिए HAL से 70 HTT-40 बेसिक ट्रेनर एयरक्राफ्ट की खरीद का करार हो चुका है। डिलीवरी की शुरुआत सितंबर 2025 से होगी। इस खेप के ऑपरेशनलाइज होने के बाद वायुसेना 36 और HTT-40 एयरक्राफ्ट खरीद सकती है।
वायुसेना के पास अभी कितने ट्रेनर एयरक्राफ्ट?
फिलहाल एयरफोर्स के पास लगभग 260 ट्रेनर एयरक्राफ्ट हैं, जबकि ज़रूरत 388 की है। मौजूदा स्थिति में:
- 75 Pilatus PC-7 Mk II – बेसिक ट्रेनर
- 86 किरण Mk-1 और Mk-1A – इंटरमीडिएट ट्रेनर
- 99 Hawk Mk-132 – एडवांस्ड जेट ट्रेनर
- 42 किरण Mk-2 – एडवांस्ड लेवल
इन सबके अलावा, एयरफोर्स के पास 14 सिमुलेटर भी हैं, जिनका इस्तेमाल प्रशिक्षण के लिए होता है।
लीज पर लेने का भी विकल्प खुला
रक्षा मंत्रालय ने यह भी बताया है कि ट्रेनर एयरक्राफ्ट की आवश्यकता को तुरंत पूरा करने के लिए वायुसेना लीजिंग मॉडल पर भी विचार कर रही है। यानी, जरूरत पड़ने पर ट्रेनर एयरक्राफ्ट को कुछ समय के लिए किराए पर लिया जा सकता है ताकि ट्रेनिंग प्रोग्राम में रुकावट न आए।
स्वदेशी सिमुलेटर से ट्रेनिंग को मिल रहा नया आयाम
भारतीय वायुसेना ने बताया कि अब ट्रेनिंग में स्वदेशी सिमुलेटरों का इस्तेमाल भी बढ़ाया जा रहा है। ये सिमुलेटर वायुसेना के एयर वॉरियर्स की स्किल डिवेलपमेंट और प्रोफेशनल मिलिट्री एजुकेशन का महत्वपूर्ण हिस्सा बन गए हैं।
मानव संसाधन विकास पर जोर
वायुसेना ने संसदीय समिति को स्पष्ट किया कि तकनीकी रूप से संवेदनशील सेवा होने के कारण उनकी ट्रेनिंग प्रणाली अत्यंत सुदृढ़ और प्रोफेशनल है। सैद्धांतिक और प्रैक्टिकल दोनों स्तर पर निरंतर अपग्रेडेशन के लिए कदम उठाए जा रहे हैं।