International Woman’s Day || अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर जिला समाज कल्याण शाखा द्वारा “बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ” अभियान के तहत एक भव्य समारोह का आयोजन किया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि उपायुक्त सह जिला दंडाधिकारी सुश्री माधवी मिश्रा ने कहा कि बेटियों को प्रसिद्धि और आत्मनिर्भरता की ओर अग्रसर करने के लिए माता-पिता को उनके सपनों को पूरा करने में सहयोग देना चाहिए। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि बेटियां भी परिवार और समाज का मजबूत सहारा बन रही हैं।
बेटियों को दें सही मार्गदर्शन और शिक्षा
उपायुक्त ने अपने संबोधन में कहा कि समाज में बेटियों को लेकर व्याप्त रूढ़ियों को समाप्त करना होगा। माता-पिता को चाहिए कि वे अपनी बेटियों को उच्च शिक्षा प्रदान करें, उन्हें आत्मनिर्भर बनने के लिए प्रेरित करें और उनके सपनों को पंख दें। शिक्षा ही वह माध्यम है, जिससे बेटियां हर चुनौती को पार कर सकती हैं और सफलता की नई ऊंचाइयों को छू सकती हैं।
- बेटियों को अपने जीवन का लक्ष्य निर्धारित कर उस पर मेहनत करनी चाहिए।
- शिक्षा और आत्मनिर्भरता से ही महिलाएं अपने अधिकारों को पहचानेंगी और समाज में सम्मान प्राप्त करेंगी।
- महिलाओं की आर्थिक स्वतंत्रता से उन्हें सशक्त बनाने में सहायता मिलेगी, जिससे वे अपने फैसले स्वयं ले सकेंगी।
महिला सशक्तिकरण पर जोर
जिला परिषद की अध्यक्ष श्रीमती शारदा सिंह ने कहा कि बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ की शुरुआत घर से होनी चाहिए। माता-पिता को चाहिए कि वे बेटियों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए उन्हें सशक्त करें और उनके अधूरे सपनों को पूरा करने का अवसर दें।
सिटी एसपी श्री अजीत कुमार ने भी महिलाओं को निडर बनने, आत्मविश्वास बढ़ाने और अपनी शक्ति को पहचानने का आह्वान किया।
संस्कार और संस्कृति से जुड़ा भव्य कार्यक्रम
कार्यक्रम का शुभारंभ उपायुक्त सहित अन्य अतिथियों ने दीप प्रज्वलित कर किया। इस दौरान अतिथियों को मोमेंटो एवं शॉल देकर सम्मानित किया गया।
समर्पित कला मंच के कलाकारों ने “बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ” अभियान पर आधारित एक मार्मिक नाटक प्रस्तुत किया। इस नाटक का निर्देशन हारून रशीद ने किया, जिसमें एसएम मेहंदी, सेराज खान, रेशमा बानो, सुनीला कुमारी, मो. अफरीदी, सना परवीन, मो. शाहिद व पंकज मिश्रा ने शानदार प्रदर्शन किया और समाज को बेटियों के महत्व का संदेश दिया।
सम्मान और प्रोत्साहन के कार्यक्रम
समारोह में विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य करने वाली महिलाओं और छात्राओं को सम्मानित किया गया:
16 सेविकाओं और 15 महिला पर्यवेक्षिकाओं को सम्मानित किया गया।
मैट्रिक और इंटर परीक्षा में टॉप करने वाली 6 छात्राओं को विशेष रूप से सम्मानित किया गया।
6 नवजात शिशुओं की माताओं के बीच पालना वितरित किया गया।
4 शिशुओं को अन्नप्राशन संस्कार कराया गया।
4 गर्भवती महिलाओं की गोद भराई की रस्म पूरी की गई।
एक होनहार खिलाड़ी को खेल किट प्रदान की गई।
कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथियों की उपस्थिति
इस समारोह में जिला परिषद की उपाध्यक्ष श्रीमती सरिता देवी, अपर नगर आयुक्त श्री कमलेश्वर नारायण, जिला समाज कल्याण पदाधिकारी श्रीमती अनीता कुजूर, डीएसपी लॉ एंड ऑर्डर श्री नौशाद आलम, महिला थाना प्रभारी श्रीमती मीनू कुमारी, जिला शिक्षा पदाधिकारी श्री अभिषेक झा, जिला शिक्षा अधीक्षक श्री आयुष कुमार, अधिवक्ता श्रीमती लोपा मुद्रा, बाल संरक्षण पदाधिकारी श्रीमती साधना कुमारी सहित बड़ी संख्या में सीडीपीओ, सेविकाएं, महिला पर्यवेक्षिकाएं उपस्थित थीं।
निष्कर्ष: बेटियों को दें सपनों की उड़ान
यह समारोह महिला सशक्तिकरण और बेटियों की शिक्षा के प्रति जागरूकता बढ़ाने का एक प्रेरणादायक प्रयास था। यदि बेटियों को उचित मार्गदर्शन और अवसर दिए जाएं, तो वे न केवल अपने परिवार बल्कि समाज और राष्ट्र के लिए भी गौरव का कारण बन सकती हैं। अब समय आ गया है कि बेटियों को आगे बढ़ने का पूरा अवसर मिले, ताकि वे आत्मनिर्भर बनकर अपने जीवन को संवार सकें और समाज में एक सशक्त पहचान बना सकें।