Israel–Hezbollah Conflict || इजरायल-हिज़्बुल्लाह संघर्ष: लगातार बढ़ रही जंग की विभीषिका

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Israel–Hezbollah Conflict || इजरायल और हिज़्बुल्लाह के बीच जारी भीषण संघर्ष के दौरान इजरायली सेना ने दक्षिण लेबनान में व्यापक एयर स्ट्राइक कर हर तरफ तबाही मचा दी है। इजरायली फोर्सेज़ लगातार ब्लू लाइन के आसपास के इलाकों में हिज़्बुल्लाह के ठिकानों और हथियारों को निशाना बना रही हैं। इस संघर्ष की चपेट में अब संयुक्त राष्ट्र के शांति रक्षक (यूएनआईएफआईएल) के पोस्ट, उपकरण, और यहां तक कि तैनात सैनिक भी आ गए हैं।

भारतीय शांति सैनिक सुरक्षित

ब्लू लाइन पर 50 देशों के 10,000 से अधिक सैनिक तैनात हैं, जिनमें भारतीय सेना के 600 से अधिक जवान भी शामिल हैं। भारतीय सैनिक दक्षिण लेबनान के मरजायूं क्षेत्र में तैनात हैं। डिप्टी आर्मी चीफ लेफ्टिनेंट जनरल राकेश कपूर ने पुष्टि की है कि भारतीय सैनिक पूरी तरह सुरक्षित हैं। उन्होंने संघर्ष क्षेत्र से भारतीय सैनिकों को हटाने के सवाल पर कहा, “भारतीय सेना यूएन के जनादेश के तहत वहां तैनात है, और जो यूएन निर्णय लेगा, उसी के अनुरूप कार्रवाई होगी।”

यूएनआईएफआईएल के तहत सेक्टरों की तैनाती

यूएनआईएफआईएल के ब्लू लाइन क्षेत्र को दो सेक्टरों में विभाजित किया गया है—ईस्ट सेक्टर और वेस्ट सेक्टर। इन दोनों सेक्टरों में ब्रिगेड स्तर की सैन्य शक्ति मौजूद है, जिसमें प्रत्येक सेक्टर में 3-4 बटालियन तैनात हैं। प्रत्येक बटालियन में लगभग 600 सैनिक हैं। दक्षिण लेबनान के नाकूरा में यूएनआईएफआईएल का मुख्यालय है, जो वेस्ट सेक्टर में स्थित है। इस सेक्टर में यूरोपीय देशों की बटालियनों की तैनाती है, जबकि ईस्ट सेक्टर में एशियाई देशों की सैन्य बटालियन हैं। भारतीय सेना की टुकड़ी ईस्ट सेक्टर में गोलान हाइट्स की ओर तैनात है।

संघर्ष की चपेट में यूएनआईएफआईएल

पिछले कुछ दिनों में नाकूरा और शामा क्षेत्र में इजरायली सेना और हिज़्बुल्लाह के बीच संघर्ष ने तीव्र रूप धारण कर लिया है। इस संघर्ष के कारण यूएनआईएफआईएल मुख्यालय भी निशाने पर आ गए हैं। शुक्रवार को शामा क्षेत्र में यूएनआईएफआईएल वेस्ट सेक्टर मुख्यालय पर दो 122 एमएम रॉकेट दागे गए, जिससे चार इटालियन शांति सैनिक घायल हो गए।

यूएनआईएफआईएल का बयान

यूएनआईएफआईएल ने अपने बयान में कहा कि ये रॉकेट हिज़्बुल्लाह और उससे जुड़े संगठनों की ओर से दागे गए थे, जो सेना के बंकरों और लॉजिस्टिक पॉइंट्स पर गिरे। इन हमलों से आसपास के ढांचे को भारी नुकसान पहुंचा और आग लग गई, जिसे समय रहते बुझा लिया गया।

इजरायल और हिज़्बुल्लाह के बीच बढ़ती लड़ाई न केवल क्षेत्रीय स्थिरता को खतरे में डाल रही है, बल्कि शांति स्थापना में जुटे यूएन सैनिकों के लिए भी गंभीर चुनौती पेश कर रही है। भारतीय सेना की सुरक्षा को लेकर अभी तक स्थिति नियंत्रण में है, लेकिन इस जंग के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए आगे की रणनीतियां बेहद महत्वपूर्ण होंगी।