
RANCHI | विभिन्न संवैधानिक संस्थाओं में अध्यक्ष एवं सदस्यों की नियुक्ति सहित नेता प्रतिपक्ष मामले को लेकर दाखिल विभिन्न याचिकाओं पर झारखंड हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। मंगलवार को चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्र की खंडपीठ में नेता प्रतिपक्ष मामले में झारखंड विधानसभा की ओर से सुप्रीम कोर्ट के वरीय अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने पैरवी की। उनकी ओर से कोर्ट में कहा गया कि नेता प्रतिपक्ष के लिए बीजेपी ने नाम नहीं दिया है। इस पर भाजपा की ओर से कहा गया कि पहले ही नेता प्रतिपक्ष के लिए बाबूलाल मरांडी का नाम दिया जा चुका है। इस पर कपिल सिब्बल की ओर से कहा गया कि बाबूलाल मरांडी जेवीएम पार्टी से जीत कर आए थे। भाजपा के साथ उनके मर्जर के मामले में अभी तक विधानसभा स्पीकर का कोई निर्णय नहीं आया है। नेता प्रतिपक्ष के लिए ऐसे व्यक्ति का नाम दिया जाना चाहिए, जो बीजेपी के सिंबल से लड़ा हो और जीता हो। पिछली सुनवाई में हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्र की खंडपीठ ने दो बिंदुओं पर विधानसभा सचिव से जवाब मांगा था। पहला, संविधान के आर्टिकल 226 के तहत हाईकोर्ट के पास क्या पावर है कि वह स्पीकर को विपक्ष का नेता बनाने का निर्देश दे सके। दूसरा, यदि कोई दल विपक्ष के नेता के लिए किसी का नाम देता है तो स्पीकर क्या सिर्फ इस आधार पर मामला लंबित रख सकते हैं कि उनके खिलाफ दल बदल का केस चल रहा है।
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