Katras News: एलआईसी घोटाले का आरोप, भाजपा कतरास मंडल मंत्री राम कुमार साहू बने धोखाधड़ी के शिकार

एलआईसी घोटाले का आरोप

एलआईसी घोटाले का आरोप

Katras News: धनबाद जिले के कतरास क्षेत्र से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जिसमें भारतीय जनता पार्टी के कतरास मंडल मंत्री राम कुमार साहू ने अपनी ही पत्नी, एलआईसी अधिकारियों और ब्रांच मैनेजर पर धोखाधड़ी व जालसाजी के गंभीर आरोप लगाए हैं। यह मामला न केवल व्यक्तिगत विवाद का रूप ले चुका है, बल्कि एलआईसी जैसी बड़ी संस्था की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठाता है।

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7 वर्षों से अलग रह रहे दंपत्ति के बीच बढ़ा विवाद

राम कुमार साहू, जो कि आरएसएस के पूर्व सक्रिय सदस्य और वर्तमान में भाजपा कतरास मंडल के मंत्री हैं, ने बताया कि वे और उनकी पत्नी पूनम देवी पिछले सात वर्षों से एक-दूसरे से अलग रह रहे हैं। इस दौरान उनकी पत्नी उनके घर से एलआईसी से जुड़ी जरूरी फाइलें, दस्तावेज, नगदी और गहने आदि लेकर चली गई थी।

एलआईसी से कथित धोखाधड़ी, डुप्लीकेट सिग्नेचर से निकासी का आरोप

राम कुमार साहू ने आरोप लगाया कि 28 मार्च को उनकी पत्नी पूनम देवी ने एलआईसी पॉलिसी संख्या 547843266 से ₹40,409 की अवैध निकासी की। यह निकासी पुराने फोटो, डुप्लीकेट सिग्नेचर और अन्य दस्तावेजों के सहारे की गई। जब यह जानकारी उन्हें मोबाइल पर मैसेज के जरिए मिली, तो उन्होंने अगले दिन एलआईसी ब्रांच में शिकायत की, लेकिन ब्रांच मैनेजर ने उनकी शिकायत लेने से इंकार कर दिया।

थाने में ऑनलाइन एफआईआर, कोर्ट में भी मामला दर्ज

बिना कार्रवाई के निराश होकर राम कुमार साहू ने 30 मार्च को कतरास थाने में लिखित शिकायत दी, लेकिन कोई कार्रवाई न होते देख 31 मार्च को ऑनलाइन एफआईआर दर्ज करवाई। उन्होंने इसके बाद धनबाद कोर्ट में भी मामला दायर किया है, जिसकी सुनवाई 28 अप्रैल को निर्धारित है।

पत्नी पूनम देवी की सफाई: ‘सभी आरोप बेबुनियाद’

दूसरी ओर, पूनम देवी ने पति द्वारा लगाए गए सभी आरोपों को सिरे से खारिज किया है। उन्होंने कहा कि एलआईसी दस्तावेजों में जो सिग्नेचर हैं, वे उनके पति के ही हैं और पैसे उन्होंने ही दिए थे। उन्होंने कहा कि अगर पैसे खुद दिए थे, तो अब केस करना समझ से परे है।


एलआईसी अधिकारियों की भूमिका भी संदेह के घेरे में

राम कुमार साहू ने आरोप लगाया कि पूनम देवी ने एलआईसी डीओ राजा और एलआईसी कतरास ब्रांच के मैनेजर की मिलीभगत से यह जालसाजी की है। उन्होंने बताया कि पूनम देवी स्वयं एलआईसी एजेंट हैं और इस तरह की घटनाएं पहले भी सामने आ चुकी हैं, लेकिन तब मामला समझौते में सुलझ गया था।

ब्रांच मैनेजर की चुप्पी

जब इस मामले पर कतरास एलआईसी ब्रांच मैनेजर संजय कुमार से प्रतिक्रिया मांगी गई तो उन्होंने कुछ भी बोलने से इनकार कर दिया। यह चुप्पी कई सवालों को जन्म देती है और मामले को और भी संदिग्ध बना देती है।

निष्कर्ष

इस मामले ने न केवल एक राजनीतिक हस्ती को झकझोर कर रख दिया है, बल्कि एलआईसी जैसी प्रतिष्ठित संस्था की कार्यप्रणाली पर भी गंभीर प्रश्न खड़े किए हैं। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि पुलिस, न्यायपालिका और एलआईसी प्रशासन इस मामले में क्या कदम उठाते हैं। क्या यह सच सामने लाने वाला एक बड़ा उदाहरण बनेगा या फिर सियासी और पारिवारिक जटिलताओं में उलझ कर रह जाएगा?