Cred Financial Loss Report: क्या सिर्फ यूनिकॉर्न स्टेटस ही सफलता की गारंटी है?
Kunal Shah: फिनटेक स्टार्टअप Cred और इसके फाउंडर Kunal Shah को लेकर एक नई बहस छिड़ गई है। Deloitte कंसल्टेंट Gautam Chhugani ने सोशल मीडिया पर सवाल उठाया है कि आखिर क्यों ऐसे स्टार्टअप्स को सफल माना जाता है, जो अब तक एक भी वर्ष मुनाफे में नहीं रहे हैं। उन्होंने कहा कि Cred ने अभी तक ₹5,215 करोड़ का घाटा झेला है, और अब तक कोई भी साल ऐसा नहीं आया जब कंपनी लाभ में रही हो।
कंपनी की ब्रांड वैल्यू बनाम वित्तीय प्रदर्शन
Kunal Shah: Cred को भारत के सबसे चर्चित फिनटेक स्टार्टअप्स में से एक माना जाता है। इसकी ब्रांडिंग, डिजाइन और मार्केटिंग रणनीति को लेकर हमेशा तारीफ होती रही है। हालांकि, Deloitte के वरिष्ठ सलाहकार का कहना है कि “इतनी बड़ी क्षति और कोई भी लाभदायक वर्ष न होने के बावजूद भी इसे ‘celebrate’ किया जाना चिंताजनक है।”
फाउंडर कुनाल शाह पर क्यों हो रहा है फोकस
Kunal Shah को भारतीय स्टार्टअप इकोसिस्टम में एक दूरदर्शी के रूप में देखा जाता है। Freecharge जैसी सफल कंपनी के संस्थापक रह चुके शाह ने Cred को “क्रेडिट कार्ड यूजर्स की दुनिया में बदलाव” के रूप में प्रस्तुत किया था। लेकिन Deloitte कंसल्टेंट के अनुसार, “आइडिया और निष्पादन के बीच वित्तीय जिम्मेदारी भी ज़रूरी है।”
बाजार में क्या है प्रतिक्रिया?
टेक और स्टार्टअप समुदाय इस बहस को दो हिस्सों में देख रहा है — एक पक्ष मानता है कि यूनिकॉर्न बनने के बाद केवल वेल्यूएशन नहीं बल्कि स्थिर वित्तीय प्रदर्शन भी जरूरी है, जबकि दूसरा पक्ष स्टार्टअप की दीर्घकालीन ग्रोथ को प्राथमिकता देता है।