Maharashtra News: महाराष्ट्र में चुनावी नतीजों के बाद महायुति सरकार में मुख्यमंत्री पद को लेकर खींचतान तेज हो गई है। यदि 26 नवंबर तक मुख्यमंत्री पद का फैसला नहीं हुआ तो राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू होने की संभावना बन सकती है।
देवेंद्र फडणवीस सबसे मजबूत दावेदार
भाजपा को 132 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरने से देवेंद्र फडणवीस मुख्यमंत्री पद के सबसे मजबूत दावेदार माने जा रहे हैं। लेकिन सवाल यह है कि क्या शिवसेना (एकनाथ शिंदे गुट) इस फैसले को स्वीकार करेगी? अगर फडणवीस मुख्यमंत्री बनते हैं तो एकनाथ शिंदे का अगला कदम क्या होगा?
शिंदे गुट की दावेदारी
शिवसेना (एकनाथ शिंदे गुट) मुख्यमंत्री पद पर दावा छोड़ने को तैयार नहीं है। शिंदे गुट के सांसद नरेश म्हस्के ने कहा कि एकनाथ शिंदे को मुख्यमंत्री बने रहना चाहिए, क्योंकि लाड़की बहिन योजना जैसे कल्याणकारी कार्यक्रम उनकी पहल पर शुरू हुए, जिसने महायुति को काफी लाभ पहुंचाया। इसके अलावा, शिंदे गुट के नेता बिहार मॉडल का हवाला देकर अपना पक्ष मजबूत करने की कोशिश कर रहे हैं।
बीजेपी और शिवसेना में टकराव
भाजपा की प्रचंड जीत से मुख्यमंत्री पद के लिए उसका दावा मजबूत हुआ है। वहीं, शिंदे गुट भी पीछे हटने को तैयार नहीं है। इस खींचतान के चलते चुनाव परिणाम आने के दो दिन बाद भी मुख्यमंत्री का नाम तय नहीं हो पाया है।
महाराष्ट्र की राजनीति इस समय गहरे असमंजस में है। महायुति के दलों के बीच मुख्यमंत्री पद को लेकर बढ़ता तनाव न केवल गठबंधन की एकता पर सवाल खड़े कर रहा है, बल्कि राज्य में राजनीतिक स्थिरता के लिए भी चुनौती बनता दिख रहा है। अब देखना यह है कि भाजपा हाईकमान और गठबंधन किस प्रकार इस विवाद का समाधान निकालते हैं।