पौष पूर्णिमा के साथ महाकुंभ 2025 की शुरुआत, भक्तों और पर्यटकों का अभूतपूर्व समागम
महाकुंभ 2025: प्रयागराज में महाकुंभ 2025 की शुरुआत भव्यता और आध्यात्मिकता के अभूतपूर्व प्रदर्शन के साथ हुई। पौष पूर्णिमा के दिन पहले स्नान के साथ शुरू हुए इस महापर्व में देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु पहुंचे। संगम नोज समेत विभिन्न घाटों पर भक्तों ने डुबकी लगाई और “हर-हर महादेव” और “जय श्री राम” के जयकारों से वातावरण को भक्तिमय बना दिया।
यह महाकुंभ विशेष खगोलीय संयोग के चलते 144 वर्षों में पहली बार आयोजित हो रहा है। भक्तों के स्वागत के लिए हेलिकॉप्टर से पुष्पवर्षा की गई, जिससे आयोजन की भव्यता और बढ़ गई। श्रद्धालु दिव्य वातावरण में प्रार्थना, अनुष्ठान और ध्यान में लीन नजर आए। इस आयोजन में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं, जिसमें 60,000 सुरक्षाकर्मी तैनात हैं।
वैश्विक आकर्षण और सांस्कृतिक समागम
महाकुंभ 2025 ने न केवल भारत से, बल्कि जर्मनी, रूस, ब्राजील और जापान जैसे 20 से अधिक देशों के श्रद्धालुओं और पर्यटकों को आकर्षित किया। विदेशी तीर्थयात्रियों ने इस आध्यात्मिक उत्सव का हिस्सा बनते हुए डुबकी लगाई और विभिन्न अनुष्ठानों में सक्रिय भाग लिया। दक्षिण कोरिया के यूट्यूबर्स और जापानी पर्यटकों ने आयोजन की सांस्कृतिक गहराई को कैमरों और गाइडों के माध्यम से समझने की कोशिश की।
स्पेन की क्रिस्टीना सहित अन्य विदेशी पर्यटकों ने इस आयोजन को “जीवन में एक बार का अनुभव” बताया। महाकुंभ न केवल भारतीय संस्कृति और अध्यात्म का उत्सव है, बल्कि यह एक वैश्विक आयोजन बन गया है, जो संपूर्ण मानवता के लिए एकता और शांति का संदेश देता है।
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