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QUAD SUMMIT !! छठे क्वाड शिखर सम्मेलन में क्वाड कैंसर मूनशॉट की पहल

QUAD SUMMIT !! पीएम मोदी ने कहा कि क्वाड राष्ट्रों ने संयुक्त रूप से इस चुनौती का सामना करने का निर्णय लिया है।

QUAD SUMMIT !! वाशिंगटन, (एजेंसी)। पीएम नरेंद्र मोदी ने छठे क्वाड शिखर सम्मेलन में क्वाड कैंसर मूनशॉट पहल के तहत 7.5 मिलियन डॉलर के सैंपलिंग किट्स, डिटेक्शन किट्स और वैक्सीन्स में योगदान का ऐलान किया है। इस पहल का उद्देश्य इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में गर्भाशय-ग्रीवा (सर्वाइकल) कैंसर से लड़ना और लोगों की जान बचाना है। सम्मेलन का आयोजन डेलावेयर के विलमिंगटन में हुआ, जहां विश्व नेताओं ने इस गंभीर बीमारी के प्रति अपने-अपने योगदान की प्रतिबद्धता जताई, जो हर साल लाखों लोगों की जान लेती है। पीएम मोदी ने कहा कि क्वाड राष्ट्रों ने संयुक्त रूप से इस चुनौती का सामना करने का निर्णय लिया है। उन्होंने अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन को इस महत्वपूर्ण पहल के आयोजन के लिए बधाई देते हुए कहा कि यह प्रयास सस्ती, सुलभ और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाओं के प्रति साझा संकल्प को दर्शाता है। उन्होंने कैंसर की देखभाल में एकीकृत दृष्टिकोण की जरुरत पर बल दिया, जिसमें रोकथाम, जांच, निदान और उपचार शामिल हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य के अपने विजन पर जोर देते हुए कहा कि क्वाड पहल सिर्फ राष्ट्रों के लिए नहीं, बल्कि लोगों के लिए है। यह मानव-केंद्रित दृष्टिकोण का वास्तविक सार है, जिसका उद्देश्य सस्ती और सुलभ स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराना है। भारत, जो पहले से ही एक किफायती सर्वाइकल कैंसर स्क्रीनिंग कार्यक्रम चला रहा है, इस क्षेत्र में अपना अनुभव और विशेषज्ञता साझा करने को तैयार है। प्रधानमंत्री मोदी ने बताया कि भारत ने सर्वाइकल कैंसर के लिए अपना टीका विकसित किया है और साथ ही कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) की मदद से नए उपचार प्रोटोकॉल पेश कर रहा है। उन्होंने यह भी घोषणा की कि भारत रेडियोथेरेपी उपचार और क्षमता निर्माण में भी सहयोग करेगा। प्रधानमंत्री ने 40 मिलियन वैक्सीन खुराक इंडो-पैसिफिक देशों को देने की भी घोषणा की, जिससे इस क्षेत्र के लोगों के जीवन में सकारात्मक बदलाव आएगा। इसके साथ ही, उन्होंने विश्व स्वास्थ्य संगठन की डिजिटल स्वास्थ्य पर वैश्विक पहल के लिए 10 मिलियन अमेरिकी डॉलर के योगदान का ऐलान किया। इस पहल के जरिए से कैंसर की जांच, देखभाल और उपचार में डिजिटल तकनीक का उपयोग कर इच्छुक देशों को तकनीकी सहायता प्रदान की जाएगी।